May 29, 2025
National

पंजाब-हरियाणा जल विवाद : रवनीत सिंह ने की सीएम मान और हरजोत बैंस के खिलाफ एफआईआर की मांग

Punjab-Haryana water dispute: Ravneet Singh demands FIR against CM Mann and Harjot Bains

केंद्रीय रेल एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के चेयरमैन को अवैध रूप से हिरासत में रखने और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है।

यह मांग पंजाब और हरियाणा के बीच जल-बंटवारे के विवादों को लेकर बढ़ते तनाव के बीच आई है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने के फैसले ने पंजाब और हरियाणा के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। पंजाब ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है।

रवनीत सिंह बिट्टू ने पंजाब की ‘आप’ सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को नाटकीय बना रही है, खास तौर पर तब जब यह मामला पहले से ही उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में न्यायिक समीक्षा के अधीन है।

रवनीत सिंह ने कहा, “देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है और मुख्यमंत्री को अपने मीडिया स्पेस की चिंता है। क्या चेयरमैन खुद बांध के गेट खोलेंगे या बंद करेंगे? जब यह साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी राज्य को एक भी बूंद पानी नहीं दिया जाएगा, तो पंजाब के सीएम और ‘आप’ पूरे मामले को नाटकीय क्यों बना रहे हैं? मैं पंजाब के सीएम भगवंत मान और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के खिलाफ नांगल में बीबीएमबी चेयरमैन को अवैध रूप से हिरासत में लेने के लिए एफआईआर और देशद्रोह के आरोप की मांग करता हूं। राष्ट्रीय संकट के समय में आप गंदी राजनीति कर रही है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।”

पंजाब ने तर्क दिया है कि उसे पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है और वह अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ सकता, जबकि हरियाणा बीबीएमबी द्वारा तय किए गए अपने आवंटित हिस्से को प्राप्त करने पर जोर दे रहा है।

इस विवाद ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है, मान की अगुवाई में पंजाब की सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से बीबीएमबी के जल आवंटन के फैसले का विरोध किया गया। इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब पर पानी के अपने वाजिब हिस्से में बाधा डालने का आरोप लगाया है और इस कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया है।

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