चंडीगढ़, 6 दिसंबर । राज्यसभा सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी ने मंगलवार को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत पंजाब के दावों के निपटान पर सवाल उठाया।
विक्रमजीत सिंह साहनी ने संसद में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में भिन्नता पर प्रकाश डाला और सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत जवाब दिया।
विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि जून 2023 में आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने स्वीकार किया कि आयुष्मान भारत के तहत 2022 में 53 और 2023 में 74 प्रतिशत दावे निपटान के लिए लंबित हैं।
हालांकि, संसद में मंत्रालय ने कहा कि इन दो वित्तीय वर्षों के लिए अनसुलझे दावे क्रमश: केवल 2.2 और 5.22 प्रतिशत हैं।
उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता कि कौन सा डेटा सही है। स्वास्थ्य मंत्रालय को डेटा को सही करना चाहिए और पंजाब में आयुष्मान भारत के तहत दायर एवं निपटान किए गए दावों का सही डेटा भी पेश करना चाहिए।”
उन्होंने आशा व्यक्त की कि दावा प्रस्तुत करने के समय 50 प्रतिशत दावे खुद ब खुद जारी हो जाते हैं। सांसद ने कहा, “लाभार्थियों के कुल दावों में एक गंभीर विसंगति है। आरटीआई के अनुसार, पिछले साल यह 14.85 लाख दावे थे और संसद के जवाब में इसका जिक्र 1.63 करोड़ किया गया था।”
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