मोहाली की पॉक्सो कोर्ट ने स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के इस फैसले के बाद पीड़िता और उसके परिवार ने राहत की सांस ली और न्याय मिलने पर खुशी जताई।
पीड़िता ने कोर्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं मोहाली कोर्ट के जज, वकीलों, मीडिया और इस लड़ाई में मेरे साथ खड़े सभी लोगों की शुक्रगुजार हूं। मुझे आज इंसाफ मिला है।”
वहीं, पीड़िता के पति ने कहा, “बजिंदर एक आदतन अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है। सजा सुनाते समय उसके आपराधिक इतिहास को ध्यान में रखा गया। हमें न्याय प्रणाली पर भरोसा था और आज वह पूरा हुआ। कोर्ट ने इस मामले में 5 अन्य लोगों को बरी किया है, जिन्होंने 7 साल तक सजा भुगती। हम इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट हैं। लिखित फैसले में यह देखना होगा कि क्या जज उसे ‘हैबिचुअल क्रिमिनल’ घोषित करते हैं।”
पीड़िता के वकील अनिल कुमार सागर ने कहा, “बजिंदर सिंह को उम्रकैद की सजा मिली है, यानी उसे अपनी आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा। अदालत ने साबित कर दिया है कि सर्वोच्च शक्ति न्यायपालिका के पास है। जो गलत करेगा, उसे सजा जरूर मिलेगी।”
यह मामला तब सुर्खियों में आया था, जब एक महिला ने बजिंदर सिंह पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता ने दावा किया था कि पादरी ने मोहाली स्थित अपने घर पर उसके साथ बलात्कार किया और इस घटना का वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करने की धमकी दी।
इस पादरी पर एक महिला के साथ यौन शोषण के गंभीर आरोप थे। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूत और गवाह पेश किए, जिसके आधार पर कोर्ट ने यह कड़ा फैसला सुनाया है।
मोहाली की पॉक्सो कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल ले जाया गया।
कोर्ट ने पिछले हफ्ते बजिंदर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), धारा 323 ( चोट पहुंचाने) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी करार दिया था।
हरियाणा के यमुनानगर निवासी और जालंधर स्थित ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ के संस्थापक बजिंदर सिंह खुद को ईसा मसीह का दूत बताता है और चमत्कारिक इलाज का दावा करता है।
उसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें वह मरीजों को ठीक करता दिखाई देता है। हालांकि, अब, बजिंदर सिंह की सजा के बाद उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
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