एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए, एसएएस नगर पुलिस ने गांव लेहली के पास एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद हाईवे लुटेरों/स्नैचर्स गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है और उसके कब्जे से .32 कैलिबर पिस्तौल के साथ पांच जिंदा कारतूस बरामद किए हैं, यह जानकारी रविवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान एसएएस नगर के दंदराला निवासी सतप्रीत सिंह उर्फ सत्ती के रूप में हुई है। पुलिस टीमों ने उसकी प्लेटिना मोटरसाइकिल भी जब्त कर ली है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का आपराधिक इतिहास रहा है और उसके खिलाफ छीना-झपटी व लूटपाट से संबंधित आपराधिक मामले दर्ज हैं।
उन्होंने बताया कि सत्ती गिरोह मुख्य रूप से अंबाला-डेरा बस्सी राजमार्ग पर रुके वाहनों को निशाना बनाता था और पंजाब तथा हरियाणा में कई लूटपाट/छिनैती की घटनाओं में शामिल था।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी सत्ती अपने तीन अन्य साथियों के साथ हाल ही में 3 और 10 नवंबर, 2024 को हाईवे पर देर रात हुई दो लूट/स्नैचिंग की घटनाओं में शामिल था, जिसमें सब-डिवीजन डेराबस्सी के लालड़ू इलाके में बंदूक की नोक पर नकदी, मोबाइल और सोने के आभूषण लूटे गए थे। डीजीपी ने कहा कि उसके अन्य साथियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए आगे की जांच जारी है।
ऑपरेशन विवरण साझा करते हुए, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एसएएस नगर दीपक पारीक ने कहा कि डकैती/स्नैचिंग की घटनाओं की जांच के दौरान, सत्ती के नेतृत्व वाले इस लुटेरे गिरोह के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हुई, जो कि लालरू में हाल ही में देर रात की घटनाओं में एकत्र तथ्यों और साक्ष्यों से मेल खाती थी।
उन्होंने बताया कि डीएसपी डेराबस्सी बिक्रमजीत सिंह बराड़ के नेतृत्व में टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मानवीय और तकनीकी जानकारी के आधार पर गांव लेहली के पास सत्ती की गतिविधि का पता लगाया। उन्होंने बताया कि जब पुलिस टीमें मोटरसाइकिल चला रहे आरोपी सत्ती का पीछा कर रही थीं तो उसने पुलिस टीम पर गोलियां चला दीं।
एसएसपी ने बताया कि पुलिस की सरकारी गाड़ी पर तीन गोलियां लगीं और पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी सत्ती के दाहिने पैर में गोली लग गई। उन्होंने बताया कि सत्ती के अन्य साथियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए आगे की जांच जारी है।
पुलिस स्टेशन लालड़ू में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109, 132 और 221 तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत एफआईआर संख्या 171 दर्ज की गई है।