अमृतसर, 26 जून । पंजाब पुलिस ने बुधवार को गुजरात की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना को 30 जून तक जांच में शामिल होने के लिए कहा है। अर्चना पर श्री दरबार साहिब (जिसे स्वर्ण मंदिर अमृतसर के नाम से भी जाना जाता है) में योग करने का आरोप है।
इस घटना से सिख समुदाय में आक्रोश है। समुदाय ने इसे दरबार साहिब की मर्यादा का उल्लंघन बताया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया, “अमृतसर पुलिस ने अर्चना मकवाना को नोटिस भेजा है। अगर वह 30 जून तक पेश नहीं होती हैं, तो उन्हें दो और नोटिस भेजे जाएंगे। अगर फिर भी वह पुलिस के सामने पेश नहीं होती हैं, तो उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक टीम भेजी जाएगी।”
अमृतसर के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) दर्पण अहलूवालिया ने कहा कि पहले अर्चना मकवाना का बयान दर्ज किया जाएगा। उसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। अर्चना को पुलिस के सामने पेश होने और अपना बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा गया है।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में अर्चना मकवाना ने कहा कि वह अब किसी भी गुरुद्वारे में नहीं जाएंगी।
पिछले हफ़्ते पंजाब पुलिस ने स्वर्ण मंदिर परिसर में योग करने के कारण धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में अर्चना मकवाना पर मामला दर्ज किया था। कई धमकी भरे कॉल आने के बाद गुजरात पुलिस ने उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराई।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने फैशन डिजाइनर के खिलाफ अमृतसर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने सोमवार को अर्चना मकवाना से पुलिस जांच में शामिल होने को कहा था। मीडिया की तरफ से पूछे गए सवाल कि अर्चना मकवाना ने आरोप लगाया है कि घटना के बाद उन्हें जान का खतरा है, इसका जवाब देते हुए ग्रेवाल ने कहा कि सिख धर्म हमेशा महिलाओं का सम्मान करता है।
धर्म की ‘मिनी संसद’ मानी जाने वाली एसजीपीसी ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना की योग करते हुए तस्वीरें वायरल होने के बाद 22 जून को उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। हंगामे के बीच अर्चना ने खेद जताते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।