राज्यसभा सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी 6 अप्रैल को अमृतसर स्थित सचखंड श्री हरमंदिर साहिब पहुंचे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के मार्गदर्शन में शिक्षा लंगर की शुरुआत की गई थी, जो आज काफी सफल हो रहा है।
विक्रमजीत सिंह साहनी ने बताया कि इस पहल के तहत अब तक पंजाब के तीन प्रमुख शहरों, अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में कौशल शिक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे अपनी जिंदगी में सफलता की ऊंचाई तक पहुंच सकें।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि शिक्षा लंगर का यह कदम उन शहरों में और अधिक फैलाया जाएगा, जहां युवाओं को रोजगार से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि जालंधर और अन्य क्षेत्र। पंजाब में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सीमित हैं और कई युवा नशे की लत का शिकार हो रहे हैं, जो कि राज्य के लिए एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। उन्होंने राज्यपाल द्वारा शुरू किए गए “ड्रग्स पर युद्ध” अभियान का पूर्ण समर्थन किया और बताया कि वे स्वयं इस अभियान में भाग लेने के लिए तैयार हैं।
साहनी ने बताया कि पिछले वर्ष 4,250 युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरियां दी गई थीं और इस वर्ष उनका लक्ष्य इसे बढ़ाकर 10,000 करना है। इसके लिए उन्होंने राज्य में कौशल शिक्षा के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया है। कौशल शिक्षा के माध्यम से ही युवाओं को रोजगार मिल सकता है, और उन्होंने उद्योगों के साथ साझेदारी कर ऐसे कोर्स शुरू किए हैं, जो स्थानीय बाजार की जरूरतों के हिसाब से तैयार किए गए हैं।
विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि उन्होंने 10 आईटीआई संस्थानों को गोद लिया है, जो दशकों पुरानी मशीनों के साथ चल रहे थे, और अब उन संस्थानों को नई तकनीक और उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हाइड्रोपोनिक्स, फलों और सब्जियों की खेती, और खाद्य भंडारण पर कोर्स शुरू किए हैं, ताकि युवाओं को उभरती हुई क्षेत्रों में भी कौशल हासिल हो सके। साहनी ने युवाओं से अपील की कि वे विदेश जाने के बजाय अपने कौशल के साथ देश में ही रोजगार के अवसर तलाशें।
उन्होंने कहा कि युवाओं को कानूनी रास्तों से विदेश जाना चाहिए, न कि अवैध तरीकों से। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह उन्हें रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराए।