पंजाब विविधीकरण और ग्रामीण विकास के माध्यम से कृषि विकास के लिए नवीन रणनीतियों की खोज जारी रखे हुए है। इसी क्रम में पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव (सहकारिता) आलोक शेखर ने बुधवार को कहा कि राज्य मौजूदा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) की सहायता से मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने और नई बहुउद्देशीय कृषि सहकारी समितियों (एमपीएसी) की स्थापना करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
आज यहां पंजाब भवन में आयोजित सहकारिता सम्मेलन पंजाब में आलोक शेखर ने डेयरी आधारित सोसायटियों की उपलब्धियों की सराहना की तथा सहकारी सोसायटियों की सहायता से मछली पालन को बढ़ावा देने तथा भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए राज्य के तालाबों के व्यापक नेटवर्क को पुनर्जीवित करने के महत्व पर बल दिया।
यह आयोजन प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) को मजबूत करने और नई बहुउद्देशीय पीएसीएस (एमपीएसीएस) स्थापित करने की राष्ट्रव्यापी पहल का हिस्सा था।
शेखर ने कहा कि पंजाब में 13,000 गांव हैं, जिनमें लगभग 18,000 तालाब हैं, जिनमें मत्स्य पालन विकास की अपार संभावनाएं हैं, हालांकि, इनमें से अधिकांश तालाब समय के साथ सूख गए हैं, जिसके कारण इनके पुनरुद्धार के लिए तत्काल प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि इन तालाबों को पुनर्जीवित करने से न केवल मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर और पारिस्थितिकी तंत्र संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, श्री शेखर ने मौजूदा PACS को प्रोत्साहित करने और नए mPACS स्थापित करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि ये समितियाँ मछली फार्म स्थापित करने, उपज का विपणन करने और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
पैक्स के एक प्रतिनिधि किसान के बहुमूल्य सुझाव का स्वागत करते हुए, अतिरिक्त मुख्य सचिव ने पैक्स सदस्यों और हितधारकों के साथ नियमित रूप से संवादात्मक सत्र आयोजित करने के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये सत्र फीडबैक तंत्र को मजबूत करने, शिकायतों का समाधान करने तथा सहयोगात्मक विचार-मंथन के माध्यम से नवीन विचारों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेंगे।
इस उद्देश्य से, उन्होंने विभागीय अधिकारियों को जिला और राज्य स्तर पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया, जिससे पैक्स विकास के लिए एक मजबूत और समावेशी दृष्टिकोण सुनिश्चित हो सके।
इससे पहले रजिस्ट्रार सहकारी समितियां और निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क, श्री विमल कुमार सेतिया ने सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक शेखर, सहकारिता सचिव सुश्री रितु अग्रवाल और अन्य सम्मानित अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया। श्री सेतिया ने पंजाब में सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए की जा रही अग्रणी पहलों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि इन पहलों से पंजाब में सहकारी आंदोलन पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे सहकारी समितियां ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने, किसानों की आजीविका बढ़ाने और राज्य के आर्थिक विकास में योगदान देने में अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकेंगी। उन्होंने इस आयोजन के महत्व पर जोर दिया और एक उत्पादक और ज्ञानवर्धक सभा के लिए माहौल तैयार किया।
इस कार्यक्रम में पैक्स के प्रतिनिधि किसान श्री रविंदर सिंह, श्री गुरबाज सिंह और श्री गुरदेव सिंह शामिल हुए, जिन्होंने अपनी प्रेरणादायक सफलता की कहानियां साझा कीं और बहुमूल्य प्रतिक्रिया दी, जिससे सहकारी पहलों के जमीनी स्तर पर प्रभाव पर एक अनूठा परिप्रेक्ष्य उपलब्ध हुआ।
अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियां संदीप कुमार ने एक व्यापक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें पंजाब सहकारिता विभाग के विविध कार्यों, कार्यक्रमों और परियोजनाओं की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इस जानकारीपूर्ण प्रस्तुति ने विभाग के प्रयासों की पूरी समझ प्रदान की।
कार्यक्रम का समापन शुगरफेड की एमडी सुश्री सेनु दुग्गल के हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी उपस्थित लोगों और प्रतिभागियों के प्रति उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।