March 21, 2025
Punjab

पंजाब सरकार 5.3 करोड़ रुपये की लागत से 2 लाख खुराक सेक्सड सीमेन खरीदेगी: मंत्री गुरमीत खुडियां

दुधारू पशुओं के जर्म प्लाज्म में सुधार करके राज्य के पशुपालकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने के उद्देश्य से, पंजाब सरकार 5.3 करोड़ रुपये की कीमत के लगभग 2 लाख सेक्सड सीमन की खुराक खरीदेगी, यह घोषणा पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुडियां ने की।

कैबिनेट मंत्री यहां किसान भवन में ‘पंजाब के पशुपालकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के उत्थान में पशुपालन विभाग की भूमिका’ विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।

 गुरमीत सिंह खुडियां ने बताया कि इस महीने 50,000 खुराकें खरीदी जाएंगी, तथा जून 2025 तक 1.50 लाख खुराकें और खरीदी जाएंगी। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य सरकार ने गायों और भैंसों के लिए 1.75 लाख खुराकें उपलब्ध करवाई हैं, जिनमें से 1.58 लाख खुराकें पिछले दो वर्षों के दौरान पहले ही उपयोग की जा चुकी हैं।

पशुपालकों को सरकार की इस पहल का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने के महत्व पर बल देते हुए पशुपालन मंत्री ने कहा कि जहां निजी चिकित्सक अक्सर अत्यधिक कीमतों पर लिंग-विशिष्ट वीर्य बेचते हैं, वहीं सरकारी संस्थानों में यह मात्र 250 रुपये प्रति खुराक की दर पर उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि लिंग-निर्धारित वीर्य के प्रयोग से 90 प्रतिशत से अधिक मादा संतान पैदा हो सकती है, जिससे किसानों को नर बछड़ों के पालन-पोषण से संबंधित खर्चों से बचने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, वीर्य की उच्च आनुवंशिक योग्यता पंजाब राज्य में मौजूदा जर्म-प्लाज्म के सुधार में योगदान देगी।

प्रमुख सचिव पशु पालन श्री राहुल भंडारी ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि इस वीर्य का प्रयोग करके गाय और भैंस की उच्च आनुवंशिक योग्यता वाली मादा बछड़ियाँ पैदा हुई हैं।

लिंग-निर्धारण वीर्य के दीर्घकालिक उपयोग से आवारा पशुओं की समस्या के समाधान में मदद मिलने की उम्मीद है। सेमिनार में जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई, वे पशु कल्याण, पशुओं में चुम्बक आहार तथा एनएलएम में परियोजनाओं से संबंधित थे।

पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. जीएस बेदी ने लिंग-निर्धारण वीर्य अपनाने वाले किसानों की सफलता की कहानियाँ साझा करते हुए प्रभावशाली परिणामों की जानकारी दी। उदाहरण के लिए, श्री मुक्तसर साहिब के सीरवाली गाँव के जगसीर सिंह के घर में कुल आठ मादा बछड़ियाँ पैदा हुई हैं।

इसी तरह लुबानियांवाली के रहने वाले बघेल सिंह ने भी आठ बछियों को जन्म दिया है। इन बछियों की गुणवत्ता और वजन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, फाजिल्का जिले के सरदारपुरा गांव के संत कुमार के बछड़े का वजन सिर्फ 63 दिन की उम्र में 80 किलोग्राम है।

सेमिनार में विशेष सचिव पशुपालन हरबीर सिंह, सभी संयुक्त निदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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