चंडीगढ़, 16 अप्रैल, 2025: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की नागरिक-केंद्रित सेवाओं को समय पर और परेशानी मुक्त तरीके से प्रदान करने की सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप, वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने बुधवार को घोषणा की कि राजस्व विभाग के बाद, परिवहन विभाग को 25 अप्रैल, 2025 तक अभियान के आधार पर निर्धारित समय सीमा से परे सभी लंबित नागरिक-केंद्रित सेवाओं का निपटान करने का निर्देश दिया गया है।
पंजाब भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने परिवहन विभाग के संबंधित अधिकारियों को वाहन और सारथी सेवाओं सहित लंबित सेवाओं को निर्धारित समय सीमा तक निपटाने के निर्देश दिए हैं।
चीमा ने आश्वासन दिया कि 25 अप्रैल के बाद सभी सेवाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रदान कर दी जाएंगी।
वित्त मंत्री ने कुशल सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग द्वारा शुरू की गई पहलों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कॉल सेंटर नंबर 1076 और सेवा केंद्रों के माध्यम से डोरस्टेप डिलीवरी के माध्यम से 20 सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे नागरिकों को आरटीओ कार्यालयों में जाए बिना सेवाओं का उपयोग करने की सुविधा मिल रही है।
उन्होंने घोषणा की कि सभी नागरिक-केंद्रित सेवाओं को जल्द ही ई-सेवा केंद्रों (1076) में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जिससे आरटीओ कार्यालयों में भौतिक रूप से जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने कहा, “नागरिकों के लिए सुविधा और दक्षता बढ़ाने के लिए जल्द ही एक व्हाट्सएप चैटबॉट पेश किया जाएगा।”
सेवाओं की सुचारू डिलीवरी सुनिश्चित करने में जवाबदेही के महत्व को रेखांकित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य परिवहन आयुक्त (एसटीसी) सहित परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अनुचित देरी को रोकने के लिए सेवा वितरण की नियमित निगरानी करेंगे।
चीमा ने कहा, ‘‘किसी भी अनुचित देरी के मामले में जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ये पहलकदमियां प्रशासन में सुधार लाने तथा नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और नवीन समाधानों का लाभ उठाने पर केंद्रित हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सेवाओं की समय पर डिलीवरी को प्राथमिकता देकर नागरिक-केंद्रित शासन के लिए एक मानक स्थापित करना है।