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बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मंडी में कंगना की गैरमौजूदगी पर उठे सवाल, अब एक्ट्रेस ने तोड़ी चुप्पी

Questions raised on Kangana's absence in flood affected area Mandi, now the actress broke her silence

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है। इस त्रासदी के बाद अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत नुकसान और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताने अपने लोकसभा क्षेत्र पहुंचीं। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा।

कंगना रनौत ने बताया कि वह स्थिति का पूरा ब्यौरा केंद्र सरकार को प्रस्तुत करेंगी और राज्य के लिए राहत और फंड की मांग करेंगी।

आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा, ”बहुत नुकसान हुआ है। जानमाल की हानि हुई है। कई दुकानें और घर बह गए हैं। मैं इसका ब्यौरा केंद्र सरकार को दूंगी, साथ ही राज्य के लिए राहत और फंड की मांग करूंगी। पिछली बार केंद्र सरकार ने हिमाचल को हजारों करोड़ की सहायता दी थी, जो पूरी तरह से जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच पाई। इस बार उम्मीद करती हूं कि राज्य सरकार राहत राशि को सही तरीके से लोगों तक पहुंचाएगी।”

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए कंगना ने कहा, ”राज्य के कार्यों की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है, न कि सांसद की। सांसद का कार्य है केंद्र तक समस्याओं की जानकारी पहुंचाना और वहां से संसाधन लाना। लेकिन मेरे पास कोई कैबिनेट नहीं है, ना मेरे पास कोई नौकरशाही है। मुझे बताने में कोई संकोच नहीं है कि यहां पर कुछ अधिकारी ऐसे हैं, जो मेरा फोन तक नहीं उठाते हैं, क्योंकि वह राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करते हैं। हमारा मुख्य काम संसद में है, एक्ट बनाने में और वहां से बड़े-बड़े प्रोजेक्ट लाने का है। अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाहौल-स्पीति को लगभग दो सौ करोड़ के प्रोजेक्ट दिए। यह सांसद के काम होते हैं।”

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि राहत राशि लाना उनका काम है, लेकिन उसका सही क्रियान्वयन राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने तंज कहा कि एक सांसद की सीमाओं में वह अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही हैं लेकिन यहां के मुख्यमंत्री को लगता है कि कंगना यहां आकर उनका भी काम कर जाए। पीडब्ल्यूडी को लगता है कि कंगना मेरा भी काम कर जाए। ऐसे नहीं होता, उनको अपना काम करना ही पड़ेगा।

बार-बार उनका नाम लेकर विवाद पैदा करने वालों को संबोधित करते हुए कंगना ने आगे कहा, ”मेरे नाम का सिक्का उछालने वाले लोग हमेशा विवाद खड़ा नहीं कर सकते। मुझे कहते हैं कि मैं कहां हूं?… मैं तो लाहौल-स्पीति में थी। मेरी बात हर तरफ होती है, चाहे मैं यहां के किसी भी क्षेत्र में हूं। इन सबको बताना चाहती हूं- मैं यही हूं। इतने सारे प्रोजेक्ट आ रहे हैं, तो वे खुद-ब-खुद नहीं आ रहे हैं, उनको लाया जा रहा है। तो मैं यही हूं।”

उन्होंने कहा, “लोगों को भी मैं कहना चाहूंगी कि हर एक काम के लिए यहां अधिकारी और नेता हैं। प्रधान का अपना रोल होता है, एमएलए का अपना रोल होता है, और सांसद का अपना एक रोल है। वह प्रदेश और संसद भवन के बीच लिंक होते हैं। मेरा काम है कि मैं राहत कोष लेकर आऊं। पिछली बार ऐसा हुआ था, लेकिन ये लोग हजारों करोड़ रुपए खा गए। मैं जनता से कहना चाहूंगी कि इस बार जो राहत कोष आएगा, तो आप सुनिश्चित करें कि यह फिर से इसको खाकर न डकार जाएं और उनके हाथ कुछ न लगे।”

वहीं, महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर कंगना ने कहा, “महाराष्ट्र के लोग बहुत ही प्यारे हैं। जैसे हमारे हिमाचली लोग हैं, वहां के लोग भी बहुत ही भोले और सीधे-साधे हैं। लेकिन कुछ लोग, जो सुर्खियों में रहना चाहते हैं और राजनीति में छा जाना चाहते हैं, वह इस तरह की हरकत कर रहे हैं। लेकिन हमें अपनी एकता नहीं भूलनी है।”

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