हाल ही में हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा में 50वीं रैंक हासिल करने वाली राधिका सिंह का मानना है कि धैर्य, कड़ी मेहनत और समर्पण जीवन में सफलता की कुंजी हैं।
उन्होंने कहा, “मैं 2019 से ही परीक्षा की तैयारी कर रही हूँ। वर्तमान में, मैं जिला नगर एवं ग्राम नियोजन, अंबाला के कार्यालय में सहायक जिला अटॉर्नी के पद पर कार्यरत थी। मैंने पहले भी दो साक्षात्कारों का सामना किया है, जिसमें मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा और हरियाणा न्यायिक सेवा शामिल है।”
उन्होंने कहा, “मैंने भी अपने जीवन में असफलताओं का सामना किया है, लेकिन भगवान और बड़ों के आशीर्वाद से मैं सफल हो पाई। मेरा परिवार बहुत खुश है। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक सपना सच होने जैसा था।”
करनाल की रहने वाली राधिका की शादी पिछले साल अंबाला में हुई थी और उनके भाई, पति और बहनोई भी वकील हैं। उनके पास स्टूडेंट पायलट लाइसेंस भी है। राधिका का मानना है कि कड़ी मेहनत करना, धैर्य रखना, लगातार पढ़ाई करना और लगन से पढ़ाई करना बहुत ज़रूरी है।
वह कहती हैं, “मैंने जीवन में कई बार लक्ष्य बदले, लेकिन अपने वरिष्ठों और भाई से प्रेरणा लेकर और समाज के प्रति योगदान देने के उद्देश्य से मैंने न्यायिक अधिकारी बनने का फैसला किया।”
राधिका सिंह ने कहा, “मैं युवाओं से बस इतना कहना चाहती हूं कि वे बड़े सपने देखें, अपने दिल की सुनें और खुद बनें। उन्हें कड़ी मेहनत करनी चाहिए, अपने बड़ों और गुरुओं का सम्मान करना चाहिए और भगवान पर विश्वास करना चाहिए।”
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