लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहा है और लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि हमारे संविधान की नींव ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत पर टिकी है। इसलिए जब चुनाव होते हैं तो सबसे जरूरी सवाल यह है कि क्या सही लोगों को वोट डालने की अनुमति मिल रही है? क्या वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं? क्या वोटर लिस्ट सटीक है?
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से लोगों में संदेह बढ़ता जा रहा है। उन्होंने पांच मुख्य बिंदु गिनाए और कहा कि भाजपा को कभी भी एंटी-इनकंबेंसी (विरोधी लहर) का सामना नहीं करना पड़ता। भाजपा को अप्रत्याशित और बड़ी जीत मिल जाती है। ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल बार-बार गलत साबित हो जाते हैं। मीडिया द्वारा तैयार किया गया माहौल और चुनाव कार्यक्रम को सोच-समझकर ‘कोरियोग्राफ’ करना भी इन पांच बिंदुओं में शामिल हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में उन्हें इन संदेहों के पीछे की असल तस्वीर दिखने लगी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में सिर्फ 5 महीनों में जितने नए वोटर जोड़े गए, उतने पिछले 5 सालों में भी नहीं जोड़े गए थे। कई क्षेत्रों में जितने वोटर जोड़े गए, वह उन इलाकों की पूरी आबादी से भी ज्यादा थे। 5 बजे के बाद वोटिंग में अचानक जबरदस्त उछाल आया, लेकिन मतदान केंद्रों पर लाइनें नहीं थीं।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया। अगर हमारे पास सॉफ्ट कॉपी होती, तो हम पूरे डेटा को 30 सेकंड में एनालाइज कर सकते थे। लेकिन हमें कागज के सात-फुट लंबे बंडल मिले, जिन्हें पढ़ने और मिलाने में छह महीने लगे। सिर्फ एक विधानसभा सीट के लिए 30-40 लोगों की टीम ने दिन-रात काम किया।
उन्होंने सवाल खड़े किए कि ईसी जानबूझकर ऐसा डेटा देता है, जिसे स्कैन कर पढ़ा न जा सके। ईसी ने सीसीटीवी फुटेज तक पहुंचने के नियम बदल दिए। इसके साथ ही चुनाव आयोग डिजिटल डेटा देने से इनकार करता है। ये सब इसलिए किया जा रहा है ताकि कोई जांच न कर सके।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 1,00,250 वोटों की हेराफेरी हुई। उन्होंने पांच प्रकार की गड़बड़ियों का जिक्र किया, जिनमें डुप्लीकेट वोटर, फर्जी और अमान्य पते, एक पते पर बहुत सारे वोटर, अमान्य फोटो और फॉर्म 6 का गलत इस्तेमाल शामिल हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि जनता को पारदर्शिता का पूरा अधिकार है और चुनाव से जुड़ा कोई भी रिकॉर्ड नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। कांग्रेस की टीम पूरे सिस्टम को समझ चुकी है और जनता के सामने सच लाकर रहेगी।