January 23, 2025
National

पीएम मोदी की जाति पर सवाल उठाकर फिर फंसे राहुल गांधी, केंद्र से मिला दो टूक जवाब

Rahul Gandhi again in trouble by raising questions on PM Modi’s caste, got a blunt answer from the Centre.

नई दिल्ली, 8 फरवरी । ओडिशा में अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर बयान दिया। यहां राहुल गांधी ने कहा कि आप लोगों को भयंकर बेवकूफ बनाया जा रहा है। पीएम मोदी ओबीसी पैदा नहीं हुए थे। वह तो तेली जाति में जन्मे थे। अब केंद्र सरकार की तरफ से राहुल गांधी के इस बयान पर पलटवार किया गया है और बताया गया है कि यह सरासर झूठ है।

नरेंद्र मोदी की जाति को उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पूरे 2 साल पहले 27 अक्टूबर 1999 को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया गया था। सरकार की तरफ से ‘राहुल गांधी की स्टेटमेंट पर तथ्य’ शीर्षक से जारी संक्षिप्त नोट में बताया गया है कि नरेंद्र मोदी गुजरात की जिस जाति से आते हैं, वह मोध घांची जाति सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग ओबीसी कैटेगरी में गुजरात में शामिल है।

भारत सरकार की गुजरात के लिए 105 ओबीसी जातियों की सूची में नरेंद्र मोदी की जाति मोध घांची भी शामिल है। मंडल आयोग ने सूचकांक 91 (ए) के तहत ओबीसी की एक सूची तैयार की, जिसमें इस जाति को इस कैटेगरी में शामिल किया गया था।

सरकार की तरफ से बताया गया है कि इस उप-समूह को जब ओबीसी की सूची में शामिल करने की अधिसूचना 25 जुलाई, 1994 को जारी की गई थी तब गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी और भारत सरकार की तरफ से 4 अप्रैल, 2000 की अधिसूचना के अनुसार इस जाति को ओबीसी (सूची में) शामिल किया गया था तब भी नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं थे।

बता दें कि अपने बयान में राहुल गांधी ने कहा था कि साल 2000 में गुजरात की भाजपा सरकार ने नरेंद्र मोदी की जाति को ओबीसी बनाया। नरेंद्र मोदी सामान्य श्रेणी में पैदा हुए थे। वह किसी ओबीसी से गले नहीं मिलते ऐसे में उनका जन्म प्रमाण पत्र देखने की जरूरत नहीं है कि वह ओबीसी कैटेगरी में पैदा नहीं हुए थे।

राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी जन्म से ओबीसी नहीं हैं, उन्हें ओबीसी गुजरात की भाजपा सरकार ने बनाया है। वह कभी पिछड़ों के हक और हिस्सेदारी के साथ न्याय नहीं कर सकते। नरेंद्र मोदी कभी जातिगत जनगणना नहीं कराने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ही जातिगत जनगणना का काम करके दिखाएंगे।

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