महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की राजनीतिक समझ पर सवाल उठाया। कांग्रेस सांसद ने मोदी सरकार की विदेश नीति को ‘विफल’ करार दिया था जिसे बावनकुले ने बेबुनियाद आरोप बताया।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पहली बात तो यह है कि राहुल गांधी को राजनीति की समझ नहीं है और दूसरी बात न ही वो सीखने की कोशिश करते हैं। अगर आपको किसी विषय के बारे में ज्ञान नहीं है, तो कोई बात नहीं, लेकिन कम से कम उसे सीखने की कोशिश तो कीजिए, लेकिन राहुल गांधी कुछ सीखने की भी जहमत नहीं उठाते हैं। इसी वजह से आज की तारीख में राजनीति में उनकी यह दुर्गति बनी हुई है। अगर वो सीखने की कोशिश करेंगे, तो संभव है कि उनका कुछ भला हो।
उन्होंने कहा कि आखिर वो कैसे प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति पर सवाल उठा सकते हैं? प्रधानमंत्री अभी अलग-अलग देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजकर उन्हें बता रहे हैं कि किस तरह हमने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। हम पूरी दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन मांग रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से भेजे गए प्रतिनिधिमंडल में सभी पार्टियों के नेता शामिल हैं। इसमें किसी विशेष पार्टी के नहीं, बल्कि सभी पार्टियों के नेता शामिल हैं, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम सब एकजुट हैं, लेकिन राहुल गांधी भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाकर अपनी राजनीतिक समझ को लेकर एक बार फिर से सवालों के कठघरे में आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की तरफ से भेजा गया प्रतिनिधिमंडल पूरी दुनिया को यह बता रहा है कि किस तरह से हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए आतंकवादियों के गढ़ों को नेस्तनाबूद कर दिया। हम पूरी दुनिया से अपील कर रहे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ हमारे साथ आएं। प्रधानमंत्री पूरे विश्व को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। अब हमने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है।
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत की विदेश नीति को विफल बताते हुए सवाल पूछे थे। उन्होंने कहा था कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की निंदा करने में कोई भी देश हमारा साथ क्यों नहीं दे रहा है? अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने का हक किसने और क्यों दिया?
इसके अलावा, चंद्रशेखर बावनकुले ने चुनाव आयोग की तरफ से मतदाताओं को मतदान केंद्र में मोबाइल फोन रखने की सुविधा दिए जाने की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह फैसला बहुत ही अच्छा है। इससे लोगों का संवाद बना रहेगा, क्योंकि पहले लोग दो-तीन घंटे मतदान के लिए कतारों में लगे रहते थे और इस दौरान मोबाइल नहीं होने की वजह से उनका संपर्क नहीं बन पाता था। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। अब लोग अपनों से संपर्क बनाकर रख पाएंगे।
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