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‘इंडी गठबंधन’ के फुल फॉर्म पर राहुल गांधी हुए असहज, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

Rahul Gandhi uncomfortable on full form of 'Indi alliance', video goes viral on social media

नई दिल्ली, 10 सितंबर । लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक बार फिर अपने विदेशी दौरे को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। अमेरिका दौरे के बीच का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पत्रकार ने सवाल-जवाब के दौरान राहुल गांधी से पूछ लिया कि क्या आप इंडी अलायंस को एनडीए के विकल्प के रूप में देखते हैं? इस पर राहुल गांधी कहते हैं कि आप हमें इंडी अलायंस मत कहिए, हम इंडिया अलायंस हैं। भाजपा वाले इसे फ्रेम कर रहे हैं।

इसके बाद पत्रकार ने उनसे फिर सवाल किया और पूछा कि इंडिया में ‘ए’ का मतलब क्या है? इंडिया में तो डबल ए नहीं है। फिर इंडिया अलायंस कैसे हुआ? इस सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी कहते हैं कि इसमें ‘ए’ का मतलब अलायंस हुआ।

राहुल गांधी का जवाब सुनने के बाद बगल में बैठे एंकर भी मुस्कुराने लगते हैं। राहुल गांधी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उनके इस वीडियो पर भाजपा नेताओं से लेकर सोशल मीडिया यूजर्स अलग-अलग रिएक्शन दे रहे हैं।

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पोस्ट में लिखा, ”तीसरी बार असफल राहुल गांधी को विदेशी धरती पर एक छात्र ने यह सिखाया कि यह इंडी गठबंधन है, न कि इंडिया गठबंधन।”

भाजपा के राज्यसभा सांसद राधा मोहन अग्रवाल दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ”भारत तो भारत, अमेरिका में भी बहुत ठीक से राहुल गांधी को बेनकाब कर दिया गया। राहुल ‘इंडी अलायंस’ को झूठा बोलकर ‘इंडिया अलायंस’ बताते रहते हैं, विदेशी पत्रकार ने टिप्पणी कर दी कि नहीं यह ‘इंडिया अलायंस’ नहीं ‘इंडी अलायंस’ ही हो सकता है, हड़बड़ाए हुए राहुल कोई जवाब नहीं दे सके।”

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। राहुल गांधी ने कहा था, “चुनावों से पहले हम इस बात पर जोर देते रहे कि संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया है। हमारे पास निष्पक्ष खेल का मैदान नहीं है। शिक्षा व्यवस्था पर आरएसएस का कब्जा है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्जा है। हम बार-बार कह रहे थे। लेकिन, लोग समझ नहीं पा रहे थे, मैंने संविधान उठाकर दिखाना शुरू किया और जो मैंने कहा था वह अचानक लोगों को समझ आया कि संविधान ही देश की असली ताकत है।”

उन्होंने आगे कहा था, ”अगर संविधान नहीं रहेगा तो देश का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। गरीब लोगों ने गहराई से समझा कि यह संविधान की रक्षा करने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच की लड़ाई है। जाति आधारित जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हो गया। ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं। मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब पहुंच सकती है।”

उन्होंने यह भी कहा था, “आरएसएस का कहना है कि कुछ राज्य अन्य राज्यों से कमतर हैं, कुछ भाषाएं दूसरी भाषाओं से पीछे है, कुछ धर्म दूसरे धर्मों के बराबर नहीं हैं और कुछ समुदाय दूसरे समुदायों से कमतर हैं। हर राज्य का अपना इतिहास, परंपरा है। आरएसएस की विचारधारा है कि तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी जैसी भाषाएं पिछड़ी हैं। यही लड़ाई है। ये लोग (आरएसएस) भारत को नहीं समझते।”

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