हरियाणा में कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को नया स्वरूप देने के एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पार्टी के “संगठन सृजन अभियान” के तहत वरिष्ठ नेताओं के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया। यह अभियान आंतरिक कायाकल्प के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
शहर के सेक्टर 9 स्थित पार्टी कार्यालय में तीन घंटे से अधिक समय तक रहे दौरे के दौरान राहुल ने वरिष्ठ नेताओं और एआईसीसी तथा पीसीसी पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की तथा 22 जिला कांग्रेस समिति (डीसीसी) अध्यक्षों के आगामी चुनावों पर फीडबैक एकत्र किया, जो पार्टी नेतृत्व और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के बीच महत्वपूर्ण कड़ी है।
सूत्रों ने बताया कि राहुल ने माना कि आंतरिक गुटबाजी ने 11 वर्षों से संगठनात्मक पुनर्गठन को रोक रखा है। उन्होंने कड़ा संदेश देते हुए पार्टी नेताओं से मतभेदों को दूर रखने का आग्रह किया। उन्होंने चेतावनी दी कि डीसीसी चुनाव प्रक्रिया के दौरान पक्षपात में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी वरिष्ठ नेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चयन पूरी तरह से जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की योग्यता के आधार पर होना चाहिए।
राहुल ने एकता और आंतरिक अनुशासन के महत्व पर भी जोर दिया और नेताओं से सार्वजनिक रूप से शिकायतें व्यक्त करने से बचने का आग्रह किया। बाद में उन्होंने 22 एआईसीसी पर्यवेक्षकों और 90 पीसीसी पर्यवेक्षकों के साथ बातचीत की और डीसीसी चुनावों के लिए रणनीतियों और हरियाणा में पार्टी को मजबूत करने के व्यापक प्रयासों पर चर्चा की।
बैठक में महासचिव केसी वेणुगोपाल, हरियाणा इकाई के प्रमुख उदय भान, राज्य मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, बीरेंद्र सिंह, कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, दीपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई प्रमुख कांग्रेस नेताओं ने हिस्सा लिया। 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले हाल ही में पार्टी में फिर से शामिल हुए पूर्व सांसद अशोक तंवर को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।
बाद में मीडिया को जानकारी देते हुए हरिप्रसाद ने घोषणा की कि प्रत्येक डीसीसी अध्यक्ष पद के लिए 35-55 वर्ष की आयु के योग्य उम्मीदवारों का छह सदस्यीय पैनल तैयार किया जाएगा, चुनाव प्रक्रिया 30 जून तक समाप्त होने की उम्मीद है। उन्होंने दोहराया कि योग्यता ही एकमात्र मानदंड होगी, जिसमें एससी, ओबीसी और महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
हरियाणा में विपक्ष के नेता की नियुक्ति पर पूछे गए सवाल के जवाब में हरिप्रसाद ने स्पष्ट किया कि आज की चर्चा पूरी तरह से संगठनात्मक मामलों, खासकर डीसीसी चुनावों पर केंद्रित थी। उल्लेखनीय है कि 37 कांग्रेस विधायकों को आधिकारिक तौर पर बैठकों में आमंत्रित नहीं किया गया, जबकि वे विपक्ष के नेता से मिलने में रुचि रखते थे।
राहुल के संदेश को दोहराते हुए हरिप्रसाद ने कहा, “डीसीसी चुनाव प्रक्रिया के दौरान गुटबाजी और पक्षपात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह की गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी नेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
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