मानहानि से जुड़े मुकदमे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से “थोड़ी मोहलत” मिली है। राज्य के चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से जारी गैरजमानती वारंट पर अब उन्हें 26 जून की बजाय 6 अगस्त को सशरीर हाजिर होना पड़ेगा।
राहुल गांधी ने चाईबासा के एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से जारी वारंट को निरस्त करने और सशरीर उपस्थिति से छूट देने की मांग करते हुए जून के पहले हफ्ते में झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसपर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के अधिवक्ता से पूछा कि जब चाईबासा कोर्ट ने पूर्व में उन्हें समन भेजा था, तो वे क्यों नहीं हाजिर हुए थे? इसी वजह से उनके खिलाफ कोर्ट को गैरजमानती वारंट जारी करना पड़ा, जिसे वापस नहीं लिया जा सकता।
इस पर राहुल गांधी के अधिवक्ता ने आग्रह किया कि उन्हें 26 जून को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है, लेकिन उस दिन कुछ जरूरी काम में उनकी व्यस्तता है। इसपर हाईकोर्ट ने अधिवक्ता का आग्रह स्वीकार करते हुए उन्हें अब 6 अगस्त को चाईबासा एमपी-एमएलए कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि चाईबासा निवासी प्रताप कटियार नामक व्यक्ति ने राहुल गांधी के खिलाफ 9 जुलाई, 2018 को दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया था कि उन्होंने वर्ष 2018 में कांग्रेस के अधिवेशन में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। शिकायत के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता है। कांग्रेस पार्टी के लोग किसी हत्यारे को राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते हैं, यह भाजपा में ही संभव है।
इस शिकायत वाद पर चाईबासा कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ अप्रैल 2022 में जमानती वारंट जारी किया था। इस पर राहुल गांधी की ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसके बाद कोर्ट ने फरवरी, 2024 में उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था। राहुल गांधी के अधिवक्ता ने इस पर कोर्ट में आवेदन देकर सशरीर उपस्थित होने की छूट मांगी थी, लेकिन उनका आवेदन खारिज कर दिया गया था। इसके खिलाफ राहुल गांधी झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे थे, जहां पूर्व में उन्हें कई महीनों तक राहत मिली थी।
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