नई दिल्ली, 11 सितंबर। राजघाट स्थित गांधी दर्शन में बुधवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से संबंधित एक रेल डिब्बे का उद्घाटन किया गया। यह रेल डिब्बा महात्मा गांधी की अंतिम रेल यात्रा की याद में लगाया गया है। यह यात्रा उन्होंने आजादी के बाद शाहदरा जंक्शन से की थी।
रेलवे विभाग के सहयोग से बनाए गए इस रेल डिब्बे में शाहदरा जंक्शन का दृश्य बनाया गया है, जिससे यहां आने वाले विजिटर्स को ऐसा महसूस होगा जैसे वह गांधी जी से साक्षात्कार कर रहे हैं। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, गांधी दर्शन समिति के उपाध्यक्ष विजय गोयल और कई देशों के राजदूत और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि वर्तमान समय में गांधी जी के संदेशों को आत्मसात करके ही आम जन समुदाय आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सकता है।
इससे पहले संस्कृति मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा था कि यह रेलवे कोच महात्मा गांधी के युग का है जिसका सावधानीपूर्वक जीर्णोद्धार किया गया है। यह उनकी प्रसिद्ध ट्रेन यात्राओं का प्रतीक है, जो उन्होंने राष्ट्र को एकजुट करने और न्याय और समानता का प्रचार करने में की थी। संपूर्ण भारत में महात्मा गांधी की तीसरी श्रेणी के रेलवे डिब्बों में की गई शुरुआती यात्राएं भारत के बारे में उनकी समझ और एकजुट राष्ट्र के उनके दृष्टिकोण को आकार देने में महत्वपूर्ण थीं।
मंत्रालय ने कहा था कि इन यात्राओं ने गांधी जी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उन्हें जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों से जुड़ने, उनके संघर्षों को समझने और सामूहिक शक्ति की आवश्यकता को महसूस करते हुए सत्य, अहिंसा और सामाजिक न्याय के अपने दर्शन को विकसित करने और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्र को एकजुट करने में मदद मिली।
गांधी दर्शन में रेलवे कोच गांधी की यात्राओं और साथी यात्रियों के साथ बातचीत को दर्शाने वाली मूर्तियां है, जो दर्शकों को एक गहन अनुभव प्रदान करता है और महात्मा गांधी की रेल यात्राओं को जीवंत बनाता है।