जयपुर, 11 अप्रैल । एसआई भर्ती परीक्षा घोटाले में गिरफ्तार जैसलमेर के फतेहगढ़ के एसडीएम हनुमानराम को गुरुवार को जयपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से एसओजी को आरोपी की एक दिन की रिमांड मिली है।
हनुमानराम को एसओजी की टीम ने एसआई परीक्षा में डमी अभ्यर्थी के रूप में बैठने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया था।
अधिकारियों के अनुसार, हनुमानराम ने एसआई भर्ती परीक्षा में नरपतराम की जगह डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी थी, जिसे घोटाले के सिलसिले में उसकी पत्नी इंद्रा के साथ पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
इंद्रा पर एक अन्य अभ्यर्थी हरखू जाट के स्थान पर परीक्षा में शामिल होने का आरोप है। हालांकि, इस मामले में एक अजीब मोड़ देखने को मिला है, जहां हरखू ने परीक्षा पास कर ली, वहीं इंद्रा, जो खुद भी परीक्षा में शामिल हुई थी, असफल रहीं। जांच के दौरान इस व्यापक साजिश की और भी परतें उजागर होने की उम्मीद है।
एक दिन की रिमांड के दौरान हनुमानराम से नरपतराम और इंद्रा के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी। एसओजी को उम्मीद है कि इससे एसआई परीक्षा घोटाले में हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों और नेटवर्क की संलिप्तता और अन्य जानकारियां सामने आएंगी।
विडंबना यह है कि हनुमानराम विरदा, जिनकी प्रशासनिक साख आरएएस परीक्षा 2021 में 22वीं रैंक हासिल करने से मजबूत हुई, के सामने संभावनाओं भरा करियर था।
साल 2018 में सांख्यिकी विभाग के लिए चयनित होने और आरएएस परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उन्हें पहले जालोर के चितलवाना में एसडीएम के रूप में नियुक्त किया गया, उसके बाद बागोड़ा और शिव में पोस्टिंग हुई।
फतेहगढ़ में उनकी हालिया नियुक्ति घोटाले में उनकी संलिप्तता से यह घोटाला और अधिक नुकसानदेह हो गया है। इससे राजस्थान की प्रशासनिक सेवाओं की ईमानदारी पर सवाल उठता है। साथ ही उन हजारों अभ्यर्थियों का विश्वास कम होता है, जो ईमानदारी से परीक्षा में बैठे थे।
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