नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल के घर का बिजली कनेक्शन काटे जाने पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।
बिजली विभाग की ओर से की गई कार्रवाई को बेनीवाल ने बदले की भावना से प्रेरित बताया और कहा कि बिल सेटलमेंट की प्रक्रिया चल रही थी। ऐसे में क्या यह कार्रवाई ठीक है? बेनीवाल के बयान पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि बकाया बिल पर कनेक्शन काटना सामान्य प्रक्रिया है और इसमें आम नागरिक या जनप्रतिनिधि में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
शनिवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से समय पर बिल जमा करने की अपील की, ताकि जनता में सकारात्मक संदेश जाए। नागर ने स्मार्ट मीटर का बचाव करते हुए कहा कि यह इसीलिए लगाए गए ताकि, विधायक, मंत्रियों को इस बात की जानकारी मिल सके कि उनके यहां कितनी बिजली खपत हो रही है। स्मार्ट मीटर से बिल की पारदर्शिता बढ़ेगी और उपभोक्ता अपने खपत की निगरानी कर सकेंगे।
उन्होंने साफ कर दिया है कि वीआईपी हो या फिर आम नागरिक, बिल नहीं जमा किया तो नोटिस भी जाएगा और कार्रवाई भी होगी। उनके अनुसार, अगर आम नागरिक का बिजली बिल बकाया रहने पर बिजली काट दी जाती है तो यह नियम वीवीआईपी पर भी लागू होता है।
दूसरी ओर, सांसद बेनीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के अस्पताल रोड स्थित सरकारी बंगले का विद्युत बिल 2,17,428 रुपए बकाया है। मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पूछना चाहता हूं कि मेरे नागौर स्थित सांसद कार्यालय का विद्युत कनेक्शन सेटलमेंट प्रक्रिया में होने के बावजूद आपने कटवा दिया। क्या ऊर्जा मंत्री का कनेक्शन भी अब काटेंगे? ऊर्जा मंत्री को बताना चाहूंगा कि जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं, वो दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते।
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