जयपुर, 6 अगस्त । राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र जारी है। मंगलवार को विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली।
इस बीच नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भजनलाल सरकार पर हमला बोला। उन्होंने राजस्थान सरकार पर कानून और नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “विधानसभा अध्यक्ष ने हमारी पार्टी के सदस्यों को सदन से निकाल दिया। ये सरकार सत्ता के नशे में चूर है।”
टीकाराम जूली ने कहा, “हमारी पार्टी ने सोमवार को सदन में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की नियुक्ति का मुद्दा उठाया था। लेकिन, इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई और विधानसभा अध्यक्ष ने हमारे सदस्यों को सदन से निकाल दिया। राजस्थान सरकार सत्ते के नशे में चूर है और यहां नियमों और कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “भारत सरकार के नियमों और कानूनों को मानने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। देश के गृह मंत्रालय की गाइडलाइन है कि कोई भी मंत्री अपने परिवार को कोई भी लाभ का पद नहीं देगा, लेकिन जोगाराम पटेल के बेटे को एएजी बनाया गया है। ये सरकार देश के गृह मंत्री अमित शाह के आदेश को नहीं मान रही है। जब हमने इस मुद्दे को सदन में उठाया, तो हमारे सदस्य को निलंबित कर दिया गया। हमारी बात नहीं सुनी जा रही है और राज्य में तानाशाही चल रही है।”
उन्होंने नए कानूनों का जिक्र करते हुए कहा, “देश में नए कानून बीएनएस के तहत अधिवक्ताओं की नियुक्ति होनी थी। लेकिन, ये नियुक्तियां सीआरपीसी के तहत की गईं। हमारे मुद्दे से बचने के लिए सदन को भ्रमित किया जा रहा है।”
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में विधायकों के साथ हुए धक्का-मुक्की का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “सोमवार को सदन में हमारे कई विधायकों के साथ धक्का-मुक्की की गई। पुरुष कांस्टेबलों ने महिलाओं के साथ हाथापाई की। जो सोमवार को सदन में हुआ, वह तानाशाही से कम नहीं है। पहले भी सदन में हमारे सदस्यों के साथ ऐसा हुआ है।”