पटना, 5 जनवरी । इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अभी से सीट बंटवारे को लेकर गहमागहमी बनी हुई है। सभी दल अपने फायदे को लेकर दावेदारी पेश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन में शामिल दलों में सीट बंटवारे को लेकर शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत चल रही है।
ऐसे में कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर राज्यसभा और विधान परिषद की इस साल होने वाली खाली सीटें भी अपनी भूमिका निभायेगी।
बताया जाता है कि इस साल अप्रैल में प्रदेश की छह राज्यसभा सीटें खाली होने वाली है। जबकि, मई में विधान परिषद की 11 सीटें रिक्त होगी। लोकसभा सीटों के बंटवारे में इन रिक्त सीटों का महत्व बढ़ा है।
माना जा रहा है कि बिहार में इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे में पेंच फंसता देख इन रिक्त सीटों पर समीकरण बैठाया जा सकता है। ऐसे में विधायकों की संख्या देखते हुए राज्यसभा में जदयू को अपनी दो सीटें और कांग्रेस को अपनी एक सीटें बचाने के लिए सहयोगी दलों की जरूरत पड़ेगी।
राज्यसभा के जिन मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल महीने में समाप्त हो जायेगा, उनमें भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, जदयू के अनिल हेगड़े और वशिष्ठ नारायण सिंह तथा राजद के अशफाक करीम एवं मनोज कुमार झा के नाम हैं।
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