भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व आज यानी 19 अगस्त को है, लेकिन भद्रा काल के कारण सुबह का समय राखी बांधने के लिए उचित नहीं था। शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व सावन मास की शुक्ल पूर्णिमा तिथि को होता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि भद्रा क्या होती है और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है।
पूर्णिमा तिथि को भद्रा भी होती है। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में सावन मास की पूर्णिमा को रक्षाबंंधन और फाल्गुन मास की पूर्णिमा वाले दिन होलिका का दहन (होली में आग लगाना) नहीं करना चाहिए।
श्री वशिष्ठ पंचांग के अनुसार विष्टि करण का दूसरा नाम भद्रा है। भद्रा के समय कोई भी विवाहादि शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। जैसे :-बृहस्पति ने कहा है :- विष्टिस्तु सर्वथा त्याज्या क्रमेणैवागता तु या । अक्रमेणागता भद्रा सर्वकार्येषु शोभना ।।” अर्थात् क्रम से आई हुई जो पूर्वार्ध की भद्रा दिन में और परार्ध की भद्रा सब शुभ कामों में छोड़ने योग्य है तथा बिना क्रम से आई हुई अर्थात् पूर्वार्ध की भद्रा रात को एवं उत्तरार्ध की भद्रा दिन में समस्त कामों में शुभ प्रद होती है।