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प्रचार खर्च पर नजर रखने के लिए रैलियों की वीडियोग्राफी की जाएगी

Rallies will be videographed to keep an eye on campaign expenditure

धर्मशाला, 22 मार्च आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकारी शिक्षण संस्थानों के परिसरों में चुनावी रैलियां आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी-सह-उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों के अलावा अन्य स्थानों पर रैलियों के लिए अनुमति लेना आवश्यक है ताकि कानून व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें.

कैम्पस में रैलियां प्रतिबंधित आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में चुनावी रैलियां आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. खर्च पर नजर रखने के लिए एक निगरानी समिति का भी गठन किया गया है. – हेमराज बैरवा, केडीसी

उन्होंने कहा कि चुनावी रैलियों की वीडियोग्राफी का भी प्रावधान किया गया है ताकि चुनावी रैलियों पर होने वाले खर्च का भी अनुमान लगाया जा सके. उन्होंने कहा कि रैलियों के लिए टेंट, कुर्सियां, ध्वनि उपकरण आदि की दरें भी तय की गई हैं और राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को ऐसी रैलियों के खर्च का विवरण देना होगा।

उन्होंने कहा कि एक उम्मीदवार के लिए खर्च की सीमा 95 लाख रुपये तय की गई है और इससे अधिक खर्च नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में खर्च पर नजर रखने के लिए एक व्यय निगरानी समिति का भी गठन किया गया है. इसके अलावा चुनाव आयोग की ओर से पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी ताकि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराया जा सके.

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों, रेलवे स्टेशनों, डाकघरों, हवाई अड्डों, पुलों, सरकारी बसों, सरकारी भवनों और बिजली व दूरसंचार विभाग के खंभों, भवनों पर दीवार लेखन, राजनीतिक दलों के पोस्टर, बैनर और अन्य प्रचार सामग्री नहीं लगाई जानी चाहिए। शहरी निकायों का.

उन्होंने कहा कि नामांकन से दस दिन पहले तक मतदाता सूची में नाम शामिल कराया जा सकता है, इसके लिए जिले भर में पात्र मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए मतदाता जागरूकता अभियान भी शुरू हो गया है.

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