रनिया सहकारी विपणन एवं प्रसंस्करण समिति के सदस्यों ने धान खरीद पर कमीशन में हाल ही में की गई कटौती के खिलाफ शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व सोसायटी अध्यक्ष जगजीत सिंह ने किया। प्रदर्शन के दौरान हैफेड के जिला प्रबंधक को एक ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदर्शनकारियों ने 29 सितंबर, 2025 को हैफेड के प्रबंध निदेशक द्वारा जारी निर्देश पर रोष व्यक्त किया, जिसमें धान खरीद के लिए कमीशन को 5.80 रुपये से घटाकर 1.33 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया, तथा इसे गेहूं के कमीशन दर के बराबर कर दिया गया।
पहले, धान के लिए कमीशन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का 0.25 प्रतिशत था। सिंह के अनुसार, राज्य भर में हैफेड के अंतर्गत 69 सहकारी विपणन समितियाँ कार्यरत हैं, जो मंडी स्तर पर किसानों से फसल खरीदने और बीज व उर्वरक जैसे कृषि आदानों की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने कहा कि समितियां लंबे समय से गेहूं खरीद कमीशन में वृद्धि की मांग कर रही थीं, लेकिन इसके बजाय हैफेड ने धान कमीशन को कम करने का विकल्प चुना।
सिंह ने कहा, “यह सहकारी समितियों के लिए एक सीधा झटका है, जो पहले से ही तंग मार्जिन के तहत काम करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।” उन्होंने कहा कि इस फैसले से राज्य भर की समितियों में व्यापक आक्रोश फैल गया है।
अपने ज्ञापन में प्रदर्शनकारियों ने धान के लिए पूर्व कमीशन दर को बहाल करने, गेहूं के कमीशन को एमएसपी के 0.25 प्रतिशत तक बढ़ाने, समिति के लिए उर्वरक कोटा 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने तथा आंगनवाड़ी आपूर्ति शुल्क को 150 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की।