ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 क्षेत्र में एक शातिर फिरौती वसूली गैंग का खुलासा हुआ है, जिसमें आरोपियों ने पत्रकारिता के नाम पर लोगों से अवैध रूप से पैसे वसूलने के साथ-साथ धमकी देकर उनके जीवन को खतरे में डाला।
मामले में वादी द्वारा थाना बीटा-2 में तहरीर दी गई थी कि अभियुक्त पंकज पाराशर, देव शर्मा और अवधेश सिसोदिया ने उसे 10 लाख रुपये की फिरौती मांगने के साथ-साथ उसे जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में पुलिस ने अभियुक्त पंकज पाराशर को गिरफ्तार किया था और बाद में देव शर्मा तथा अवधेश सिसोदिया का नाम भी सामने आया।
विवेचना के दौरान यह पता चला कि अभियुक्तगण का एक संगठित गिरोह है, जो पत्रकारिता का सहारा लेकर लोगों से अवैध रूप से फिरौती वसूलता है। इस गैंग के मुख्य लीडर रवि काना उर्फ रविन्दर नागर है, जिसका अपराधिक वर्चस्व है। गिरोह ने समाज के सामान्य लोगों को डराकर व धमकाकर पैसे वसूले और अपने निजी व सहकर्मी के बैंक खातों में लेन-देन किया।
जांच में पता चला कि इस गिरोह ने करीब 186.67 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन-देन किया। पुलिस ने अभियुक्तों से 3.30 लाख रुपये पंकज पाराशर से और 1.50 लाख रुपये देव शर्मा और अवधेश सिसोदिया से बरामद किए हैं। इन सभी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर उन्हें आरोपित कर चालान पेश किया गया।
अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास में कई गंभीर मामलों का जिक्र किया गया है। पंकज पाराशर, देव शर्मा और अवधेश सिसोदिया पहले भी विभिन्न अपराधों में शामिल रहे हैं। इन पर आईटी एक्ट, आईपीसी और यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मामले दर्ज हैं। सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है और अब अदालत द्वारा मामले की आगे की सुनवाई की जा रही है।
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