जिला सिविल अस्पताल को एक बार फिर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, इस बार इसकी वजह इसके नए बने ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में एक चूहा देखा जाना है। आईसीयू में चूहे के भागते हुए एक वायरल वीडियो ने स्वच्छता और मरीजों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
आईसीयू में इलाज करा रहे मरीजों के रिश्तेदारों ने बार-बार चूहों के दिखने की बात कही है, यहां तक कि कुछ चूहे रात के समय मरीजों और उनके तीमारदारों पर कूद पड़ते हैं, जिससे उन्हें परेशानी होती है।
चूहों की समस्या के अलावा, मरीजों के परिजनों ने आईसीयू स्टाफ के व्यवहार को लेकर भी चिंता जताई है। उन्होंने दावा किया कि जब उन्होंने रात में ड्रिप हटाने का अनुरोध किया, तो स्टाफ ने शुरू में उनकी बात को नज़रअंदाज़ कर दिया और जब दोबारा पूछा गया तो उन्होंने बदतमीज़ी से जवाब दिया।
सिविल सर्जन डॉ महेंद्र सिंह भादू ने पुष्टि की कि उन्हें चूहों की समस्या के बारे में पता था और उन्होंने आरएमओ डॉ दहिया को इस मामले को संभालने के लिए नियुक्त किया था। उन्होंने सुझाव दिया कि चूहे आईसीयू में तब घुसे होंगे जब स्टाफ या मरीज अंदर या बाहर आए होंगे। डॉ भादू ने इस बात पर जोर दिया कि अस्पताल के कर्मचारियों को सतर्क रहने और जानवरों को सुविधा में प्रवेश करने से रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएमओ ने यह भी कहा कि यदि स्टाफ के दुर्व्यवहार के संबंध में कोई शिकायत मिलती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी तथा रोगी देखभाल और स्टाफ के व्यवहार में सुधार के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि अभी दो हफ्ते पहले ही एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया था जिसमें सिविल अस्पताल परिसर में आवारा कुत्ते मानव शवों को खा रहे थे। विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब एक और परेशान करने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें इस बार नए बने ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में एक चूहा भागता हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे अस्पताल प्रशासन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
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