बर्लिन, फेडरल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (डेस्टैटिस) द्वारा प्रकाशित अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, 2022 में जर्मनी में रोजगारशुदा लोगों की संख्या रिकॉर्ड 45.6 मिलियन थी, जो पिछले साल की तुलना में 1.3 प्रतिशत अधिक है। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र में 34.3 मिलियन कर्मचारी हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2022 में 1.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। विदेशी श्रमिकों के आप्रवासन और घरेलू आबादी की बढ़ती भागीदारी ने जर्मनी के कार्यबल को बढ़ने में सक्षम बनाया। डेस्टैटिस ने कहा कि श्रम बाजार पर जनसांख्यिकीय परिवर्तन के प्रभाव ऑफसेट से अधिक थे।
उम्रदराज होती आबादी के जनसांख्यिकीय प्रभावों से प्रेरित होकर जर्मनी में कुशल श्रमिकों की कमी वर्षों से बढ़ रही है। जर्मन आर्थिक संस्थान के अनुसार पहले से ही 2022 के मध्य में देश की अर्थव्यवस्था में वार्षिक औसत पर आधे मिलियन से अधिक कुशल श्रमिकों की कमी थी।
चांसलर ओलाफ शोल्ज की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) के पार्टी सह-नेता सास्किया एस्केन ने पिछले हफ्ते कहा, जब मेरी पीढ़ी, बूमर पीढ़ी सेवानिवृत्त होती है, तो यह वास्तव में एक समस्या पैदा करती है। इसलिए हमें आप्रवासन को बढ़ाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि एकीकरण सफल हो।
न्यूरेमबर्ग स्थित इंस्टीट्यूट फॉर एम्प्लॉयमेंट रिसर्च (आईएबी) के एक हालिया अध्ययन के अनुसार अप्रवासन और बढ़ती श्रम शक्ति भागीदारी दरों के बिना जर्मनी में कुशल श्रम की कमी 2035 तक सात मिलियन तक होगी।
आईएबी ने कहा कि एक सकारात्मक आव्रजन संतुलन और उच्च श्रम बल भागीदारी दर के अलावा, 2035 से आगे लंबी अवधि में श्रम बल क्षमता को स्थिर करने के लिए आने वाले वर्षों में जन्म दर में वृद्धि होना भी महत्वपूर्ण होगा।
विदेशों से अधिक अंतरराष्ट्रीय श्रमिकों को आकर्षित करने के लिए जर्मन सरकार ने कार्य प्रवासन के लिए आवश्यक ब्लू कार्ड के लिए आय सीमा को कम करने का निर्णय लिया। इसके अलावा उच्च क्षमता वाले लोगों के लिए एक तथाकथित अवसर कार्ड पेश किया जाना है और शरण प्रक्रियाओं में तेजी लाई जानी है।
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