राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज कहा कि राज्य सरकार 6,736 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अगले महीने मंत्री स्तरीय बैठक करेगी। पौंग बांध परियोजना के कारण विस्थापित परिवारों के राहत और पुनर्वास के लिए गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने आज राजस्व मंत्री को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी।
नेगी ने कहा कि इन विस्थापित परिवारों के लिए समय पर और प्रभावी राहत प्रयासों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से भी सहायता मांगी जाएगी। इस उद्देश्य के लिए गठित समिति के अध्यक्ष डिप्टी कमिश्नर (राहत एवं पुनर्वास) संजय कुमार धीमान हैं, तथा इसमें जवाली के एसडीएम विचित्र सिंह और देहरा के तहसीलदार कर्म चंद कालिया सदस्य हैं।
मंत्री ने कहा कि समिति की सिफारिशों में 6,736 विस्थापित परिवारों को भूमि का आवंटन और बुनियादी ढांचे और सुविधाओं से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए शिकायत निवारण प्रकोष्ठ की स्थापना शामिल है। उन्होंने कहा कि पुनर्वास योजना पर विचार-विमर्श के लिए 18 अक्टूबर को धर्मशाला में एक राज्य स्तरीय बैठक बुलाई गई थी।
नेगी ने कहा, “इसके बाद समिति ने राजस्थान सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय करते हुए 25 से 27 अक्टूबर तक रामगढ़, जैसलमेर, मोहनगढ़ और नाचना जैसे क्षेत्रों में इन परिवारों के लिए चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया।”
उन्होंने कहा कि 1966-67 के दौरान पौंग बांध परियोजना के लिए 75,268 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी, जिसका असर 339 गांवों पर पड़ा। 20,722 प्रभावित परिवारों में से 16,352 को भूमि आवंटन के लिए पात्र पाया गया, जबकि 6,736 परिवारों का पुनर्वास होना अभी बाकी है।
जीएडी) कुलविंदर सिंह बैठक में शामिल हुए।