आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण वादा किया था जो रेखा गुप्ता ने झूठा साबित कर दिया है।
आतिशी ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि भाजपा सरकार बनने के बाद दिल्ली की हर महिला के बैंक खाते में 8 मार्च तक ढाई हजार रुपए पहुंचेंगे। इसके अलावा, मोदी जी ने यह भी दावा किया था कि पहली कैबिनेट बैठक में ही इस योजना को मंजूरी दी जाएगी। उन्होंने दिल्ली की महिलाओं से अपील की थी कि वे अपने बैंक खाते को अपने फोन नंबर से लिंक करें, ताकि उन्हें यह राशि सीधे उनके खाते में मिल सके।
आतिशी ने आगे कहा कि हालांकि, जब 17 जनवरी 2025 को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महिला समृद्धि योजना की घोषणा की, तो यह वादा और भी स्पष्ट हुआ। जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र में यह वादा किया गया है कि हर महिला को ढाई हजार रुपए दिए जाएंगे। लेकिन दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण के बाद हुई पहली कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव पास नहीं हुआ।
आतिशी ने कहा कि रेखा गुप्ता ने 20 फरवरी 2025 को दिल्ली सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में महिला समृद्धि योजना को पारित नहीं किया। यह योजना पीएम मोदी के वादे के विपरीत साबित हुई, जिससे यह सवाल उठने लगा कि क्या मोदी जी की गारंटी सिर्फ एक जुमला थी। सीएम ने इस फैसले के बाद मोदी जी के वादे को झूठा साबित कर दिया और साबित कर दिया कि यह वादा सिर्फ चुनावी वादा था।
आतिशी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली की महिलाओं से कई बार वादा किया था कि उनकी सरकार बनने के बाद पहला काम महिलाओं को ढाई हजार रुपए देने की योजना को लागू करना होगा। लेकिन रेखा गुप्ता ने यह दिखा दिया कि पीएम मोदी के वादे केवल बयानबाजी तक सीमित थे, और उनकी गारंटी को पूरी दिल्ली के सामने झूठा साबित कर दिया। अब, यह सवाल उठता है कि क्या 8 मार्च तक दिल्ली की महिलाओं के खाते में ढाई हजार रुपए पहुंचेंगे, जैसा कि मोदी जी ने वादा किया था।
आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से यह पूछा जा रहा है कि क्या वह फिर से पीएम मोदी को झूठा साबित करेंगी या महिला समृद्धि योजना को लागू करेंगी। दिल्ली की महिलाओं का अब यह सवाल है कि मोदी जी के वादों का क्या हुआ, और क्या वे वादे जो चुनावी प्रचार का हिस्सा थे, असल में कभी पूरे होंगे या नहीं।