लखनऊ, 17 फरवरी । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने समधी अशोक सिद्धार्थ को हटाए जाने पर उठ रहे सवाल पर बिना नाम लिए जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन हैं और बहुजन-हित ही सर्वोपरि है।
बसपा मुखिया मायावती ने रविवार को अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सीरीज में पोस्ट की जिसमें उन्होंने लिखा कि बीएसपी, देश में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवां को सत्ता तक पहुंचाने हेतु, कांशीराम जी द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेंट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन हैं अर्थात बहुजन-हित सर्वोपरि है।
उन्होंने आगे लिखा कि कांशीराम की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देकर संघर्ष जारी रखूंगी ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
बसपा प्रमुख ने लिखा कि कांशीराम की तरह ही मेरे जीते जी भी पार्टी व मूवमेंट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी होगा जब वह भी, कांशीराम की की शिष्या की तरह अंतिम सांस तक, पार्टी व मूवमेंट को हर दुःख-तकलीफ उठाकर, उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे।
उन्होंने लिखा कि देश भर में बीएसपी के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी प्रमुख द्वारा निर्देश, निर्धारित अनुशासन एवं दायित्व के प्रति पूरी निष्ठा व ईमानदारी से जवाबदेह होकर पूरे तन, मन, धन से लगातार काम करते रहना जरूरी है।
मायावती ने कहा कि ज़िम्मेदारी के साथ ख़ासकर कैडर के बल पर, जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की मजबूती व सर्व समाज में जनाधार को बढ़ाने के साथ ही आगे भी हर चुनाव की तैयारी में पूरी दमदारी के साथ लगना है ताकि बहुजन समाज की एकमात्र आशा की किरण बीएसपी को अपेक्षित व प्रतीक्षित सफलता मिल सके।
एक अन्य पोस्ट में लिखा कि प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उमड़ी भीड़ के बीच, रेलवे की गंभीर लापरवाही के कारण, मची भगदड़ में काफी लोगों की मौत व घायल होने की घटना अति-दुखद है। पीड़ितों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तथा पीड़ितों की पूरी मदद भी करे।
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