वाराणसी, 25 मार्च । जर्मनी और थाईलैंड के धार्मिक नेताओं ने श्रद्धालुओं संग मिलकर विश्व शांति और रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए गंगा में अभिषेक और वैदिक अनुष्ठान किया। इस दौरान उन्होंने गंगा नदी में 15 हजार मछलियां भी छोड़ीं।
विदेशी धार्मिक नेताओं ने गंगा नदी में अभिषेक और वैदिक अनुष्ठान को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की। जर्मनी के धर्मगुरु थॉमस गेरहार्ड ने कहा कि जर्मन सरकार और उससे जुड़े लोग, जो यूक्रेन के युद्ध में शामिल हैं, वे सिर्फ राजनीति करते हैं। लेकिन, मैं विश्व की स्वतंत्रता और विश्व शांति के लिए काम करता हूं। इसलिए मैं जर्मन राजा के रूप में भारत आया, ताकि हिंदू और सभी धर्मों की ताकत से मिलकर दुनिया में शांति ला सकूं। जर्मनी और भारत की दोस्ती के साथ थाईलैंड का साथ लेकर आज हमने विश्व शांति के लिए प्रार्थना की है।
थाईलैंड की धर्मगुरु बद्री मां भी इस समूह में थीं। उन्होंने यहां आने का मकसद सिर्फ विश्व शांति की फिक्र बताया। कहा कि आज हम विश्व शांति के लिए यहां आए हैं। आज का दिन बहुत खास है, विश्व शांति के लिए मछलियों को आज़ादी दी गई। यह शिव का शहर है, जो दुनिया को नियंत्रित करता है। हम चाहते हैं कि विश्व में शांति आए और इसके प्रयास के लिए भारत, जर्मनी और थाईलैंड मिलकर काम करें।
बता दें कि रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध का असर दुनियाभर पर पड़ा है।
रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण किया था और देश के अधिक हिस्से पर कब्जा करना शुरू कर दिया था। इस युद्ध के परिणामस्वरूप शरणार्थी संकट पैदा हो गया और हजारों लोगों की जान भी गई।
वहीं, फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह ‘हमास’ ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला किया था और इस दौरान इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया था। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा में सैन्य कार्रवाई शुरू की। इजरायली हमले के बाद से गाजा (फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक) में 50,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
इन युद्धों को समाप्त करने के लिए भारत की तरफ से भी कई प्रयास किए गए हैं। इसी के चलते शिव की नगर काशी से अब विश्व में शांति का संदेश दिया जा रहा है, ताकि पिछले कुछ समय से चल रहा युद्ध खत्म हो सके और विश्व में फिर से शांति स्थापित हो।
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