कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने ‘आरएसएस’ पर बैन लगाने के अपने बयान पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि आरएसएस से बैन हटाना गलती थी।
कर्नाटक में मंत्री प्रियांक खड़गे ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “पहले भाजपा का संविधान देखना चाहिए, जिसमें धर्मनिरपेक्षता का जिक्र है। पहले उससे धर्मनिरपेक्षता को हटाना चाहिए और उसके बाद संविधान के बारे में बात होनी चाहिए। आरएसएस को संविधान से एलर्जी है, जब बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा में इसका (संविधान) प्रस्ताव रखा, तब से उन्हें इससे दिक्कत है। आरएसएस को मनुस्मृति से प्यार है।”
प्रियांक खड़गे ने आगे कहा, “संविधान में अगर कोई संशोधन आएगा भी तो वह सिर्फ आर्थिक होगा। सामाजिक सशक्तीकरण की बात होगी, न कि देश को बांटने के लिए कोई संशोधन किया जाएगा। क्या हम एक सोशलिस्ट देश नहीं हैं? क्या हम एक सेक्युलर देश नहीं हैं, तो वो इसके खिलाफ क्यों हैं? क्योंकि ये आरएसएस का एजेंडा है, वन नेशन वन रिलीजन। आरएसएस पहले भी बैन हुआ था, ये प्रतिबंध हटाना हमारी गलती थी।”
खड़गे ने आरएसएस पर निशाना साधा। उन्होंने आगे कहा, “आरएसएस का हमेशा से ‘एक राष्ट्र, एक धर्म’ का एजेंडा रहा है। यह कोई नई बात नहीं है। उन्हें हमेशा से संविधान से एलर्जी रही है, क्योंकि यह हमें सम्मान और आत्मसम्मान का जीवन देता है। यह हर धर्म और हर जाति को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समानता प्रदान करता है।”
कर्नाटक में कांग्रेस घमासान पर उन्होंने कहा, “जब सीएम, डिप्टी सीएम और कांग्रेस अध्यक्ष ने बता दिया कि राज्य में कोई बदलाव नहीं होगा, तो नहीं होगा।”
प्रियांक खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, “विश्वास कीजिए, जिस दिन मुझे पर्याप्त शक्ति मिलेगी, मैं आरएसएस की जहरीली, राष्ट्र-विरोधी मशीनरी को नष्ट करने के लिए हर संवैधानिक टूल का इस्तेमाल करूंगा।”