रेणुकास्वामी हत्याकांड मामले में कन्नड़ सुपरस्टार दर्शन की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। मामले को लेकर कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि विभाग ने अपना काम कर दिया है।
बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा, “हमने अपना काम कर दिया है। पुलिस ने अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में संबंधित दस्तावेज और कंटेंट को जमा कर दिया है।” उन्होंने कहा, “हम देखेंगे कि कर्नाटक पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में क्या फैसला आता है और फिर हम आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे।”
कर्नाटक सरकार की ओर से वकील अनिल सी. निशानी ने याचिका दायर की है। जमानत देते हुए कोर्ट ने उन्हें और मामले के अन्य आरोपियों को हर महीने कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था।
अभिनेता को मेडिकल बेल मिली थी। दर्शन के वकील ने तर्क दिया था कि अगर सर्जरी नहीं की गई तो अभिनेता को स्ट्रोक हो सकता है। बाद में कोर्ट ने अभिनेता को नियमित जमानत दे दी थी। हालांकि, जेल से बाहर आने के बाद से अब तक दर्शन की संभावित सर्जरी पर कोई खबर सामने नहीं आई है।
दर्शन, उनकी खास दोस्त पवित्रा और 15 अन्य को 11 जून, 2024 को चित्रदुर्ग की एक प्रशंसक रेणुकास्वामी का अपहरण करने और उसकी बेरहमी से हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
रेणुकास्वामी ने पवित्रा गौड़ा को अपमानजनक और अश्लील मैसेज भेजे थे, क्योंकि वह इस बात से नाराज थीं कि शादीशुदा होने के बावजूद दर्शन उनके साथ रिश्ते में हैं।
फिलहाल उनके खिलाफ मामले से जुड़ी तीन एफआईआर दर्ज हैं। पुलिस ने 4 सितंबर को 3,991 पन्नों की चार्जशीट के साथ ही एक अतिरिक्त चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल की थी। 131 दिन हिरासत में बिताने के बाद दर्शन को 30 अक्टूबर, 2024 को जेल से रिहा कर दिया गया था।
वहीं, बेंगलुरु सेंट्रल जेल में अभिनेता को वीआईपी सुविधा दिए जाने पर उठे विवाद को लेकर उन्हें बल्लारी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। वर्तमान में मामले को लेकर उन पर तीन एफआईआर दर्ज हैं।
पवित्रा और दर्शन के रिश्ते को लेकर बात करें तो दोनों लंबे समय से साथी हैं।
दर्शन के करीबी सूत्रों ने बताया था कि पवित्रा गौड़ा ने आभूषणों और लग्जरी कारों को लेकर दर्शन की पत्नी विजयलक्ष्मी के साथ प्रतिस्पर्धा की थी। पवित्रा ने कथित तौर पर दर्शन पर उनके साथ सार्वजनिक रूप से सामने आने का दबाव डाला था।
पवित्रा और विजयलक्ष्मी के बीच सोशल मीडिया पर फाइट भी देखी गई थी। पुलिस के अनुसार, विजयलक्ष्मी का समर्थन करने वाली रेणुकास्वामी ने पवित्रा की आलोचना की, इसके कारण उनकी हत्या की गई।
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