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कोलकाता की पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर केरल के रेजिडेंट डॉक्टर शुक्रवार को हड़ताल पर

Resident doctors of Kerala on strike on Friday demanding justice for Kolkata victim

तिरुवनंतपुरम, 15 अगस्त । पिछले हफ्ते कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग करने वालों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए केरल के रेजिडेंट डॉक्टर और पीजी मेडिकल छात्र शुक्रवार को राज्य के सभी अस्पतालों में हड़ताल करेंगे। उन्‍होंने दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की है।

केरल मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट्स एसोसिएशन (केएमपीजीए) के अनुसार, पीजी डॉक्टर शुक्रवार को बाह्य रोगी विभागों के साथ-साथ वार्डों में ड्यूटी सहित सभी गैर-आपातकालीन सेवाओं का बहिष्कार करेंगे। हालांकि, एसोसिएशन ने कहा कि हड़ताल से अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उनकी मांग है क‍ि केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम काे लागू क‍िया जाए, कार्यस्थलों पर डॉक्‍टरों को हिंसा से बचाने के ल‍िए एक कानून बनाया जाए और कोलकाता में रेप-हत्या के अपराधियों को 48 घंटों के भीतर गिरफ्तार क‍िया जाए।

इस बीच, केरल सरकार मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (केजीएमओए) ने शुक्रवार को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसके लिए राज्य के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के जूनियर डॉक्टरों ने एकजुटता व्यक्त की है।

9 अगस्त को 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर का शव आर.जी. के सेमिनार हॉल में मिला था। इससे हंगामा मच गया।

इस मामले के संबंध में अब तक एक शख्‍स को गिरफ्तार किया गया है, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया।

बुधवार रात पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई से रविवार (18 अगस्त) तक जांच पूरी करने और यह सुनिश्चित करने की मांग की कि दोषी पाए जाने वालों को फांसी दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम रविवार तक आरोपियों को फांसी देने के लिए दबाव डालेंगे। हमारी कोलकाता पुलिस पहले ही 90 फीसदी जांच पूरी कर चुकी थी। मैं 16 अगस्त को एक विरोध मार्च का नेतृत्व करने जा रहा हूं। मैं सभी माताओं और बहनों से इसमें शामिल होने का अनुरोध करती हूं।”

हालांकि, उक्त समय सीमा से पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तत्काल प्रभाव से जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि मुख्यमंत्री द्वारा सीबीआई के लिए तय की गई नई समय सीमा जांच एजेंसी पर दबाव बनाने का एक प्रयास है।

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