पलवल, 17 अगस्त पलवल और फरीदाबाद जिलों के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 19 के किनारे जमीन के ऊपर बिजली के तार बिछाने के कार्य के कारण राजमार्ग के पास निर्धारित सीमा के भीतर स्थित आवासीय और वाणिज्यिक इकाइयों के विरोध के कारण विवाद उत्पन्न हो गया है।
बिजली का झटका लगने का खतरा हाईवे की सर्विस लेन पर बड़ी संख्या में बिजली के तार लटके होने से मुख्य सड़क के पास बसे गांवों व कॉलोनियों में करंट लगने का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि ओवरहेड तारों की ऊंचाई बहुत कम है। – अजय चौधरी, क्षेत्रीय निवासी
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के समक्ष शिकायतें और चिंताएं व्यक्त की गई हैं कि केबलों को इस प्रकार बिछाया जा रहा है कि इससे सुरक्षित और निर्बाध आवागमन को खतरा हो सकता है।
यहां के एक उद्यमी अजय चौधरी ने बताया, “हाईवे की सर्विस लेन पर बड़ी संख्या में बिजली के तार लटके होने के कारण मुख्य सड़क के पास बसे गांवों और कॉलोनियों में करंट लगने का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि ऊपर से गुजरने वाले तारों की ऊंचाई बहुत कम है।” उन्होंने बताया कि पृथला गांव के पास बसी कुछ कॉलोनियों और व्यावसायिक इकाइयों के कुछ मार्गों के प्रवेश द्वार जमीन से 7 से 8 फीट ऊपर लटके तारों की वजह से पूरी तरह से बंद हो गए हैं। चौधरी ने बताया, “इनसे साइट पर काम कर रहे श्रमिकों को खतरा है।”
उन्होंने दावा किया कि विद्युत विभाग द्वारा नियुक्त ठेकेदार पास की विनिर्माण इकाइयों को आपूर्ति की सुविधा के लिए ओवरहेड केबल बिछा रहा था। उन्होंने कहा कि यह अवैध है, क्योंकि संबंधित विभाग ने इस कार्य के लिए एनएचएआई और भूमि के मालिकों जैसे प्राधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं लिया था।
बघौला गांव के सरपंच तुला राम ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि करीब 66 केवी सबस्टेशन से सप्लाई लाने वाली 12 से ज्यादा हाई-टेंशन केबलें एनएच के किनारे ग्रीन बेल्ट पर अवैध रूप से लगाए गए खंभों पर लटकाई गई हैं, जो इलाके में निजी औद्योगिक और वाणिज्यिक इकाइयों को सप्लाई देने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि एनएचएआई जैसे विभागों से कोई अनुमति नहीं ली गई है, लेकिन केबलों को भूमिगत करने के बजाय ऊपर से बिछाया गया है।
इसी तरह की शिकायत हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ के प्रमुख ने भी की, जो एनएच और गांव के पास स्थित एक शैक्षणिक संस्थान है। विद्यापीठ के प्रिंसिपल डॉ. पीएन मिश्रा ने मांग की कि संबंधित अधिकारियों को छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बिजली के तारों को भूमिगत करवाना चाहिए।
एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी वीके जोशी ने कहा कि रियायतग्राही मार्ग के अधिकार (आरओडब्ल्यू) पर नजर रख रहा है, तथा इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जाएगी।