महाकुंभ नगर, 31 जनवरी । संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुलाई गई सनातन धर्म संसद बैठक में सनातन बोर्ड से जुड़ा प्रस्ताव पारित किया गया है।
कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि धर्म संसद में सनातन बोर्ड को लेकर प्रस्ताव पारित हो गया है और जल्द ही बोर्ड बनना चाहिए।
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “इस प्रस्ताव में यह सुनिश्चित किया गया है कि चारों शंकराचार्य, चारों वैष्णव आचार्य और जितने भी संगठन, अखाड़े और पीठ के पीठाधीश्वर उसका प्रतिनिधित्व करें। यह प्रस्ताव धर्म संसद में पारित हो गया है और अब इसे सरकार तक पहुंचाना है। जो भी फैसला सरकार करेगी, उसके आधार पर ही आगे विचार किया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “धर्म संसद का जो मूल मुद्दा था, वह कार्य पूरा हो गया और सनातन बोर्ड से जुड़ा प्रस्ताव भी पारित हो गया। हम चाहते हैं कि हिंदू अधिनियम के तहत सनातन बोर्ड बनाया जाए और सरकार इस पर जल्द विचार करे।”
महाकुंभ भगदड़ पर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “मैंने कुछ वीडियो देखे हैं, उसमें प्रशासन के अधिकारी रातभर श्रद्धालुओं से कह रहे थे कि जागो, सावधान रहो और स्नान करो, क्योंकि संख्या बल बहुत अधिक थी। यहां आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। मैं सभी लोगों से अपील करूंगा कि चाहे वह गंगा हो या यमुना, श्रद्धालु जहां हैं, वहीं स्नान करें। महाकुंभ में मची भगदड़ बहुत गंभीर बात है, लेकिन मैं मानता हूं कि अगर तुरंत ही इस पर कार्रवाई नहीं की गई होती तो घटना और भी बड़ी हो सकती थी। इसके लिए सीएम योगी और उनका प्रशासन साधुवाद का पात्र है कि उस घटना को उन्होंने बड़ा नहीं होने दिया और उससे पहले ही रोक लिया। अब हमें आगे सावधानी रखनी चाहिए।”
उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “राजा का मतलब है जो सबको लेकर चले। हमारे लिए ऐसा प्रधानमंत्री मिलना मुश्किल है, वो संतों का भी आदर करते हैं और मंदिर जाते हैं। कई लोग कहते हैं हम भाजपा के हैं, लेकिन मैं उन्हें बता दूं कि हम भाजपा के नहीं हैं। अगर भाजपा कुछ उल्टा काम करती है तो हम उसके खिलाफ भी बोलते हैं। अगर कोई टोपी पहनकर मुसलमान के फंक्शन में शामिल हो तो हमें खुशी नहीं होगी, क्योंकि हमने तो कभी मुसलमान को तिलक लगाते हुए नहीं देखा है। मुसलमान आएं, तिलक लगाए और कलावा पहने, फिर हम उनकी तारीफ करेंगे। अगर हमारे नेता टोपी पहनकर मुसलमान के यहां जाएं तो हमें जलन होती है कि तुम सिर्फ वोट के लिए काम करते हो। प्रधानमंत्री टोपी नहीं पहनते, लेकिन काम सबके लिए करते हैं। जो सरकारी आवास मिले हैं, उनमें मुसलमानों की संख्या अधिक है। प्रधानमंत्री सबके लिए करें, लेकिन अपने धर्म को साथ लेकर चलें।”