महाकुंभ नगर 31 दिसंबर । धर्म और आस्था का सबसे बड़ा समागम महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में होने जा रहा है। लगभग 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु पूरे देश और दुनिया से इस आयोजन में भाग लेने के लिए संगम तट पर आएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ में स्नान के साथ-साथ दान का भी विशेष महत्व है, खासकर अन्नदान का। इस बार महाकुंभ के मौके पर कई संस्थाएं पुण्य कमाने के लिए यहां आकर भंडारों का आयोजन करेंगी। इनमें से एक प्रमुख संस्था है ओम नमः शिवाय, जो महाकुंभ से पहले ही भंडारे का आयोजन शुरू कर चुकी है।
महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के लिए साधु-संतों और विभिन्न संस्थाओं के कैंपों में भोजन का इंतजाम किया जाता है। इन आयोजनों में बड़े-बड़े किचन बनाए जाते हैं, जिनमें हजारों लोग काम करते हैं। ओम नमः शिवाय संस्था के किचन में चौबीसों घंटे दर्जनों रसोइये खाना पकाते हैं और प्रसाद वितरण में सैकड़ों लोग लगे होते हैं। यहां के विशाल बर्तनों को देखकर कोई भी हैरान हो सकता है।
भंडारे की व्यवस्था देखने वाले दीपक सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि यह भंडारा पिछले 40 वर्षों से चल रहा है। इस महाकुंभ में लगभग 25 लाख श्रद्धालुओं को भोजन कराने का संकल्प लिया गया है। यह भंडारा मेले की शुरुआत से ही चल रहा है। हर प्रकार की आपदा में यह भंडारा हमेशा लोगों की मदद के लिए आगे रहता है। लॉकडाउन के दौरान भी इस भंडारे ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। महाकुंभ से लेकर माघ मेले में जितने भी श्रद्धालु आते हैं, हम उन्हें भोजन उपलब्ध कराते हैं।
उन्होंने आगे कहा, अभी तक मेला शुरू भी नहीं हुआ है और हम लोग पिछले 20 दिनों से लोगों को भोजन खिला रहे हैं और आगे भी खिलाते रहेंगे। पिछले 20 दिनों से हमारा यह भंडारा 24 घंटे चल रहा है। यहां पर हजारों लोग भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। हमारे पास 700 से 800 स्टाफ हैं, जो सात से आठ जगहों पर इस भंडारे की व्यवस्था करेंगे। हमारे पास भंडारे को तैयार करने के लिए हर प्रकार की मशीनें लगी हुई हैं। हम नहीं चाहते हैं कि हमारे किसी भी काम में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न हो।
उन्होंने आगे कहा कि हम लोग सभी व्यवस्था खुद ही करते हैं। हम खाना बनाते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हैं। शुद्धता का विशेष ध्यान रखने के बाद ही हम लोग खाना बनाते हैं। हमारे गुरु का स्पष्ट निर्देश है कि हम 25 लाख लोगों को इस बार महाकुंभ में भोजन खिलाएं।
इस महाकुंभ में लगभग 25 लाख श्रद्धालुओं को भोजन देने का संकल्प लिया गया है। वह बताते हैं कि मेले के शुरू होने से पहले ही यह भंडारा रोजाना हजारों लोगों को भोजन प्रदान करता है। इस किचन में बड़ी-बड़ी कढ़ाई, मशीनें और विशेष सेटअप लगाए गए हैं, जिनमें रोटियां, आटा, सब्जियां तैयार की जाती हैं। यहां पर शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
भंडारे की व्यवस्था करने में लगी एक सेविका रजनी अग्रवाल ने आईएएनएस से बातचीत में बताया, “मैं अयोध्या से आई हूं। हमें ऐसा आनंद कभी नहीं मिल सकता है। हम अपने गुरु के सानिध्य में यह कार्य सेवाभाव से करते हैं। इस सेवा से हमें आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है।”
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