रोहतक, 13 अगस्त राज्य में आईएएस, आईपीएस और एचसीएस अधिकारियों समेत कई सेवानिवृत्त नौकरशाह भी आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए आतुर हैं। यहां तक कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश भी पीछे नहीं हैं। वे भी राजनीतिक व्यवस्था का हिस्सा बनने का इरादा रखते हैं और चुनाव के लिए पार्टी टिकट की होड़ में हैं।
कांग्रेस से टिकट की चाहत रखने वाले रिटायर्ड नौकरशाहों में से कई ने इसके लिए आवेदन भी कर दिया है, जबकि कुछ टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। दिलचस्प बात यह है कि खुद को पार्टी टिकट का दावेदार मानने वालों ने चुनाव की तैयारी के लिए जनसंपर्क कार्यक्रम भी शुरू कर दिया है। रिटायर्ड नौकरशाहों के बीच टिकट की जंग ने चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।
पिछले साल सितंबर में रिटायर हुए 2003 बैच के आईएएस अधिकारी विनय सिंह यादव नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़) विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं पिछले कई महीनों से नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हूं और चुनावों के सिलसिले में लोगों से मिल रहा हूं।”
दिलचस्प बात यह है कि नांगल चौधरी से भाजपा विधायक अभय सिंह यादव, जो राज्य में सिंचाई मंत्री हैं, आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं। दोनों कांवी गांव (नांगल चौधरी) से हैं। अगर कांग्रेस विनय को मैदान में उतारती है तो दो पूर्व नौकरशाहों के बीच मुकाबला दिलचस्प होगा।
फरवरी 2023 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए राकेश यादव भी नारनौल (महेंद्रगढ़) से कांग्रेस टिकट की दौड़ में हैं। वे विधायक बनने पर नहरी पानी की कमी जैसे अहीरवाल के मुद्दों को हल करना चाहते हैं। 2008 में एडीजे के पद पर आने से पहले राकेश जिला बार एसोसिएशन, नारनौल के अध्यक्ष और सचिव चुने गए थे।
राकेश ने कहा, ‘‘मेरे पिता नौनिहाल सिंह राजनीति में सक्रिय थे और उन्होंने संयुक्त पंजाब में विधानसभा चुनाव भी लड़ा था।’’
एक और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी विकास यादव हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। वे भी नारनौल से कांग्रेस टिकट के दावेदार हैं। विकास को अर्थव्यवस्था से जोड़ना समग्र विकास के लिए समय की मांग है, इसलिए राजनीति में आने का उनका मकसद लोगों की समस्याओं का समाधान करके उनकी सेवा करना और विकास सुनिश्चित करना है। विकास नारनौल क्षेत्र के नीरपुर गांव के रहने वाले हैं।
ओबीसी वर्ग से आने वाले एक अन्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एवं पूर्व राज्य सूचना आयुक्त चंद्र प्रकाश नलवा (हिसार) से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जहां ओबीसी मतदाताओं की संख्या काफी है।
हिसार के आर्य नगर गांव के मूल निवासी चंद्र प्रकाश खेतों में काफी सक्रिय रहे हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में वे हिसार से कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार भी थे। उनके चाचा रामजी लाल भी राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले चंद्र प्रकाश लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में से एक थे। वे प्रदेश कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के सदस्य भी हैं।
आर्य नगर गांव से ताल्लुक रखने वाले ओबीसी वर्ग के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आरएस वर्मा भी चुनावी जंग में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। वे हिसार के नलवा या बरवाला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि दो साल पहले सेवानिवृत्त हुए वर्मा किसी राजनीतिक दल के सदस्य नहीं हैं, लेकिन उनका झुकाव भाजपा की ओर है। वे क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे हैं।
1995 बैच के आईपीएस अधिकारी सुभाष यादव, जो 2020 में एडीजीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, अटेली (महेंद्रगढ़) से कांग्रेस टिकट के दावेदार हैं। सेहलंग गांव से ताल्लुक रखने वाले यादव कहते हैं कि राजनीति में आने का उनका उद्देश्य शासन के नाम पर हो रही ‘बेकार की हरकतों’ पर लगाम लगाना है।
2003 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वजीर सिंह गोयत ने भी जींद से कांग्रेस टिकट के लिए आवेदन किया है क्योंकि उनका पैतृक गांव झांझ खुर्द इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा, “मैं पिछले चार महीनों से जींद में हूं। राजनीति एक ऐसा बड़ा मंच है जहां आप लोगों की आवाज को प्रमुखता से उठा सकते हैं।”
पांच महीने पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति में आए एचसीएस अधिकारी अमरजीत सिंह रोहतक जिले के कलानौर (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से भाजपा टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। अमरजीत राज्यपाल और मुख्यमंत्री हरियाणा के ओएसडी के रूप में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा, “मैं आगामी चुनावों की तैयारी के तहत जनसंपर्क कार्यक्रम चला रहा हूं।”
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