N1Live Entertainment रिव्यू : रिश्तों की मिठास, प्यार की सादगी और भावनाओं की गहराई- ‘तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी’
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रिव्यू : रिश्तों की मिठास, प्यार की सादगी और भावनाओं की गहराई- ‘तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी’

Review: The sweetness of relationships, the simplicity of love and the depth of emotions – 'Tu Meri Main Tera, Main Tera Tu Meri'

रिव्यू : रिश्तों की मिठास, प्यार की सादगी और भावनाओं की गहराई- ‘तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी’ फिल्म: तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी, स्टारकास्ट: कार्तिक आर्यन, अनन्या पाण्डेय, नीना गुप्ता, जैकी श्रॉफ, निर्देशन: समीर विध्वंस, निर्माण: करन जौहर, अदार पूनावाला, अपूर्वा मेहता, भूमिका तिवारी, रेटिंग: (4 स्टार), अवधि: 2 घंटे 25 मिनट

प्यार जब सिर्फ दो दिलों तक सीमित न रहकर परिवार और जिम्मेदारियों से जुड़ जाए, तब वह कहानी बन जाती है—और यही कहानी है ‘तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी’। कार्तिक आर्यन और अनन्या पाण्डेय की यह फिल्म रोमांस के साथ रिश्तों की सच्चाई को भी बड़े ही सहज अंदाज़ में सामने रखती है।

फिल्म की शुरुआत होती है रेहान और रूमी से, जिनकी मुलाकात एक ट्रिप के दौरान होती है। सफर की मस्ती, छोटी-छोटी बातें और साथ बिताए पल दोनों को करीब ले आते हैं। यह रिश्ता कब दोस्ती से आगे बढ़कर प्यार बन जाता है, इसका एहसास उन्हें खुद भी नहीं होता। लेकिन कहानी तब भावनात्मक मोड़ लेती है, जब शादी की बात सामने आती है। रूमी के मन में अपने पिता को अकेला छोड़ने का डर है—एक तरफ प्यार है, तो दूसरी तरफ परिवार की जिम्मेदारी। यही द्वंद्व फिल्म को आम लव स्टोरी से अलग बनाता है।

निर्देशक समीर विध्वंस ने कहानी को बेहद संतुलित और संवेदनशील ढंग से पर्दे पर उतारा है। फिल्म कहीं भी जल्दबाजी में नहीं चलती और दर्शकों को किरदारों से जुड़ने का पूरा मौका देती है। पहला हाफ हल्का-फुल्का, रोमांटिक और मज़ेदार है, जबकि दूसरा हाफ भावनाओं को गहराई से छूता है। सिनेमेटोग्राफी फिल्म की खूबसूरती बढ़ाती है और म्यूजिक कहानी के साथ बहता हुआ महसूस होता है। गाने न सिर्फ सुनने में अच्छे हैं, बल्कि स्क्रीन पर भी असर छोड़ते हैं। संवाद सादे हैं, लेकिन असरदार।

अभिनय के स्तर पर कार्तिक आर्यन ने एक बार फिर साबित किया है कि वह रोमांटिक भूमिकाओं में सहज क्यों लगते हैं। रेहान के किरदार में उनका आत्मविश्वास और भावनात्मक जुड़ाव साफ दिखाई देता है। अनन्या पाण्डेय इस फिल्म में पहले से कहीं ज्यादा मैच्योर और संतुलित नजर आती हैं। नीना गुप्ता अपने चिर-परिचित अंदाज़ में मां के रोल में दिल जीत लेती हैं, वहीं जैकी श्रॉफ का संयमित अभिनय कहानी को गहराई देता है। सहायक कलाकार भी अपने-अपने किरदारों में प्रभाव छोड़ते हैं।

कुल मिलाकर, ‘तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी’ एक ऐसी रोमांटिक कॉमेडी है जो दिल को छूती है और सोचने पर भी मजबूर करती है। यह फिल्म याद दिलाती है कि प्यार सिर्फ भावनाओं का नाम नहीं, बल्कि समझ और जिम्मेदारी का भी रिश्ता होता है। अगर आप रोमांस के साथ पारिवारिक भावनाओं से जुड़ी फिल्में पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक खूबसूरत सिनेमाई अनुभव साबित होगी।

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