रेवाड़ी में प्रस्तावित 200 बिस्तरों वाले अस्पताल को लेकर विवाद ने मंगलवार को उस समय और तीखा मोड़ ले लिया, जब महिलाओं सहित कई गांवों के निवासियों ने भगवानपुर-रामगढ़ में इसके निर्माण की मांग को लेकर मानव श्रृंखला बनाई।
अस्पताल बनाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में ग्रामीण दो महीने से ज़्यादा समय से भगवानपुर-रामगढ़ में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने रामगढ़ से बुदनी गाँव तक डेढ़ किलोमीटर लंबे रास्ते पर कतारें लगाकर अपना आंदोलन तेज़ कर दिया।
संघर्ष समिति के प्रमुख नेता तेज सिंह ने कहा, “आस-पास के इलाकों से ग्रामीण सुबह विरोध स्थल पर एकत्र हुए और सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए 1.5 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई, क्योंकि भगवानपुर-रामगढ़ स्थल अस्पताल के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है।”
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उनके आंदोलन को कमज़ोर करने और जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, “जब तक राज्य सरकार हमारी माँग नहीं मान लेती, धरना जारी रहेगा।”
यह प्रदर्शन स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव द्वारा दिए गए उस संकेत के दो दिन बाद हुआ है जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि लोक निर्माण विभाग योजना को मंजूरी दे देता है तो मौजूदा सिविल अस्पताल का पुनर्निर्माण और उन्नयन उसके वर्तमान स्थान पर ही किया जा सकता है।
इस कदम पर सवाल उठाते हुए तेज सिंह ने कहा, “अगर सरकार हमेशा से मौजूदा सिविल अस्पताल का पुनर्विकास करने की मंशा रखती थी, तो अलग-अलग गाँवों में सर्वेक्षण कराने का क्या मतलब था? मौजूदा अस्पताल एक भीड़भाड़ वाले निचले इलाके में स्थित है जहाँ हर मानसून में बाढ़ आती है, जिससे मरीज़ों और कर्मचारियों को काफ़ी असुविधा होती है। सभी जानते हैं कि एक नया स्थान ज़रूरी है। ये बयान सिर्फ़ हमारे आंदोलन को कमज़ोर करने के लिए हैं।
Leave feedback about this