नई दिल्ली, 13 अक्टूबर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में 15 अक्टूबर को 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी भूख हड़ताल की घोषणा की है।
यह हड़ताल कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई युवा डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए किया जाएगा। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों का अनशन नौवें दिन में प्रवेश कर गया है। अब तक तीन डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आईएमए ने रविवार को एक बयान में कहा, “राष्ट्रव्यापी कार्रवाई का नेतृत्व आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क और मेडिकल स्टूडेंट्स नेटवर्क द्वारा किया जाएगा।”
बयान में कहा गया, “देश भर में आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क (जेडीएन) मंगलवार को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक उपवास का आयोजन करेगा। आईएमए जेडीएन आरडीए के साथ समन्वय करेगा और साथ ही उनके स्थानीय कार्यों का समर्थन करेगा।”
इसमें कहा गया है, “कोलकाता के युवा डॉक्टर अपनी जायज मांगों को लेकर आमरण अनशन पर हैं। वे अपने अनशन के नौवें दिन में हैं। उनमें से तीन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आंदोलन को लोगों का समर्थन मिल रहा है। आईएमए ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनकी मांगों को स्वीकार करने की अपील की है।”
इसके अलावा आईएमए ने कहा कि उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष आरवी अशोकन ने अनशन कर रहे युवा डॉक्टरों से मुलाकात की। इसकी बंगाल इकाई सक्रिय रूप से आंदोलन में युवा डॉक्टरों का समर्थन कर रही है।
बयान में कहा गया, “आईएमए बंगाल ने सभी स्थानीय शाखाओं में रविवार को उपवास रखकर एकजुटता की घोषणा की।”
आईएमए ने देश के सभी पदाधिकारियों और रेजिडेंट डॉक्टरों से भी अनशन में शामिल होने का आग्रह किया है।
डॉक्टरों के संगठन ने कहा कि अनशन या विरोध स्थल “आदर्श रूप से उनके मेडिकल कॉलेजों में या परिसरों के पास होना चाहिए।”
इस बीच, पश्चिम बंगाल के विभिन्न निजी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों ने घोषणा की है कि वे 14 अक्टूबर से 48 घंटे के लिए आंशिक रूप से काम बंद रखेंगे।
आंशिक कार्य बंदी 14 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से शुरू होकर 16 अक्टूबर को सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी।
इस दौरान इन निजी अस्पतालों में केवल आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं ही उपलब्ध रहेंगी।
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