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आरजी कर मामला: जूनियर डॉक्टरों के दो गुट आए आमने-सामने, एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप

RG tax case: Two groups of junior doctors came face to face, made serious allegations against each other

कोलकाता, 29 अक्टूबर। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर जूनियर डॉक्टरों का चल रहा विरोध प्रदर्शन अब एक गंभीर मोड़ लेता दिख रहा है। दो प्रतिद्वंद्वी संगठन एक-दूसरे का विरोध करने लगे हैं।

बलात्कार और हत्या के विरोध का नेतृत्व करने वाले पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने नवगठित पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूबीजेडीए) पर उन जूनियर डॉक्टरों का एक समूह होने का आरोप लगाया है, जिन पर मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के परिसर में ‘धमकी संस्कृति’ का आरोप लगाया गया था।

उन पर आरोप लगाया गया है कि वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष जैसे चिकित्सा जगत के प्रभावशाली लोगों का समर्थन प्राप्त कर रहे हैं।

दूसरी ओर, कथित तौर पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का समर्थन प्राप्त डब्ल्यूबीजेडीए के प्रतिनिधियों ने डब्ल्यूबीजेडीएफ सदस्यों पर बलात्कार और हत्या के मुद्दों का अपने स्वार्थ के लिए दोहन करने का आरोप लगाया है, जिसमें विरोध प्रदर्शन के नाम पर जनता से धन जुटाना भी शामिल है।

डब्ल्यूबीजेडीए ने राज्य सरकार से मांग की है कि डब्ल्यूबीजेडीएफ के कार्यकर्ताओं की जांच करें, जिसमें मोर्चा की ओर से जुटाए गए फंड के स्रोत भी शामिल हैं।

हालांकि, डब्ल्यूबीजेडीएफ ने ऐसे आरोपों को खारिज कर दिया है। दावा किया है कि नए संघ का गठन सत्तारूढ़ पार्टी के सक्रिय समर्थन से किया गया है ताकि आंदोलन को बदनाम किया जा सके।

डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा, “हमने व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए और मृतक जूनियर डॉक्टर के माता-पिता के अनुरोध पर अपना आमरण अनशन वापस ले लिया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम इस मुद्दे पर अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन वापस ले लेंगे। बल्कि हम अपने विरोध का दायरा महानगरों, शहरी, उपनगरीय और जिला मुख्यालयों से आगे बढ़ाकर गांवों तक लेकर जाएंगे।”

डब्ल्यूबीजेडीएफ ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह काली पूजा से एक दिन पहले बुधवार को कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके साल्ट लेक में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय तक विरोध मार्च का आयोजन करेगा।

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