N1Live Entertainment रितुपर्णा सेनगुप्ता बर्थडे: बंगाली और हिंदी फिल्मों में अभिनय से छोड़ी छाप, एक रेप सीन से काफी समय तक रही थीं परेशान
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रितुपर्णा सेनगुप्ता बर्थडे: बंगाली और हिंदी फिल्मों में अभिनय से छोड़ी छाप, एक रेप सीन से काफी समय तक रही थीं परेशान

Rituparna Sengupta Birthday: Made a mark with her acting in Bengali and Hindi films, was troubled for a long time by a rape scene

बंगाली और हिंदी फिल्मों की शानदार अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं। एक्ट्रेस बंगाली सिनेमा और हिंदी सिनेमा, दोनों में काम कर रही हैं। साथ ही सामाजिक कल्याण के कार्यों में भी वे आगे हैं। एक्ट्रेस 7 नवंबर को अपना 54वां जन्मदिन मनाएंगी।

रितुपर्णा सेनगुप्ता का जन्म 7 नवंबर 1970 में कोलकाता में हुआ था। एक्ट्रेस की शुरुआती पढ़ाई कोलकाता के माउंट कार्मेल स्कूल से हुई थी, जिसके बाद उन्होंने लेडी ब्रेबोर्न कॉलेज से स्नातक पूरा किया। रितुपर्णा पढ़ाई के साथ-साथ डांस, ड्राइंग और सिंगिंग में भी माहिर थीं। उन्होंने बहुत छोटी उम्र से ही स्कूल की डांस प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने चित्रांगशु ड्राइंग स्कूल से पेशेवर तौर पर ड्राइंग करना सीखा था।

फिल्मों के मामले में भी अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता का लक काफी अच्छा रहा। उनकी पहली ही फिल्म पर्दे पर हिट साबित हुई और फिल्म को अलग-अलग अवॉर्ड से नवाजा गया। रितुपर्णा ने 1992 में आई ‘श्वेत पथोरेर थाला’ से बंगाली फिल्मों में डेब्यू किया था। एक्ट्रेस ने फिल्म में विधवा का रोल प्ले किया, जो निगेटिव था। इस फिल्म में उनके रोल को बहुत सराहा गया।

फिल्म पर्दे पर हिट साबित हुई और रितुपर्णा के करियर का मील का पत्थर साबित हुई। फिल्म ने बेस्ट बंगाली फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार और बंगाल फिल्म पत्रकार संघ का अवॉर्ड जीता था।

पहली बंगाली फिल्म से हिट होने के बाद एक्ट्रेस ने 1994 में हिंदी फिल्म ‘तीसरा कौन’ से डेब्यू किया। इस फिल्म में उनके अपोजिट मिथुन चक्रवर्ती को कास्ट किया गया। फिल्म पर्दे पर हिट साबित हुई और यहां भी एक्ट्रेस का सिक्का चलने लगा। इसके बाद उन्हें 1997 में आई बंगाली फिल्म ‘दहन’ में देखा गया, जहां उनके द्वारा फिल्माए गए रेप सीन ने सबसे ज्यादा लाइमलाइट लूटी थी। इस सीन को करने के बाद खुद एक्ट्रेस मानसिक रूप से परेशान हो गई थीं।

उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था कि कई दिनों तक जब वो सोती थीं तो सपने में वही सीन परेशान करता था और झटपटा कर उठना पड़ता था, हालांकि समय के साथ उन्होंने इस स्थिति पर भी काबू पा लिया।

बंगाली बाला रितुपर्णा सेनगुप्ता सिर्फ हिंदी और बंगाली फिल्मों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि उन्होंने मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया। उन्होंने 2013 में मलयालम फिल्म “कधावीदु” में काम किया था और उससे पहले साल 1996 में कन्नड़ फिल्म ‘कर्नाटक पुत्र’ में नजर आई थीं। दोनों ही फिल्मों को दर्शकों का अच्छा प्यार मिला था।

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