पटना, 2 जुलाई । बिहार और नेपाल में हो रही मानसून की बारिश के बाद प्रदेश की नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सरकार बाढ़ संभावित इलाकों को लेकर पूरी तरह तैयार है।
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। कई नदियां विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं। विभाग के मुताबिक कोसी और गंडक में जलस्तर बढ़ने का अनुमान है। वीरपुर बराज में कोसी नदी का जलस्राव सोमवार को सुबह 10 बजे 1,51,190 क्यूसेक था। जबकि, अपराह्न 2 बजे 1,55,020 क्यूसेक दर्ज किया गया।
इसी तरह गंडक नदी के वाल्मीकि नगर बराज में गंडक का जलस्राव सुबह 10 बजे 42,800 क्यूसेक था। जबकि, अपराह्न 2 बजे बढ़कर 47,000 क्यूसेक दर्ज किया गया।
अन्य नदियों में भी जलस्तर बढ़ता जा रहा है। कमला बलान नदी जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बागमती ढेंग और सीतामढ़ी के सोनखान में खतरे के निशान से ऊपर है। इसके अलावा महानंदा ढेंगरा घाट के पास लाल निशान को पार कर गई है। नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि के बाद कई इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। संबंधित जिला प्रशासन द्वारा एहतियातन बाढ़ से राहत और बचाव के लिए तैयारी कर ली गई है।
इस बीच, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के अंदर बिहार के सोन और पुनपुन नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में साधारण से मध्यम तथा कोसी, महानंदा, गंडक, कोयल, कनहर एवं ऊपरी सोन नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की से साधारण, जबकि बागमती, अधवारा नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है।