वाराणसी, 12 अप्रैल। धर्म और मजहब की सीमाओं को तोड़ते हुए वाराणसी के रिजवान खान अपनी अनूठी हनुमान भक्ति और कला के जरिए सुर्खियां बटोर रहे हैं। 17 साल के रिजवान न सिर्फ हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, बल्कि हनुमान जी की मनमोहक पेंटिंग्स बनाकर अपनी भक्ति के रंग भरते हैं। सपना सिर्फ एक है कि अपनी एक खास पेंटिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तोहफे में दें।
लालपुर क्षेत्र में रहने वाले रिजवान कक्षा 11वीं के छात्र हैं और पिछले पांच सालों से बीआर फाउंडेशन में कला और शिल्प की शिक्षा ले रहे हैं। उनकी गुरु पूनम राय ने उन्हें न सिर्फ कला के गुर सिखाए, बल्कि सभी धर्मों के प्रति सम्मान और प्रेम का पाठ भी पढ़ाया।
रिजवान ने आईएएनएस से बातचीत में बताया, “मैंने अपनी टीचर पूनम मैडम से बहुत कुछ सीखा। वह हमें एक बच्चे की तरह प्रोत्साहित करती हैं और सिखाती हैं कि अमन और भाईचारे के साथ हर धर्म का सम्मान करना चाहिए।”
रिजवान की कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि वह एक मुस्लिम परिवार से हैं, लेकिन उनकी हनुमान जी के प्रति भक्ति किसी से कम नहीं।
वह कहते हैं, “अगर मैं कुरान पढ़ सकता हूं, तो हनुमान चालीसा भी पढ़ सकता हूं। मेरे लिए भक्ति में कोई भेदभाव नहीं है।”
पेंटिंग बनाते समय रिजवान हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, जिससे उनकी कला और भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिलता है। उनकी गुरु पूनम राय रोजाना उन्हें हनुमान चालीसा सुनाती हैं और याद करने में मदद करती हैं।
पूनम राय, जो बीआर फाउंडेशन की संचालिका हैं, पिछले 25 सालों से रमजान के महीने में रोजा रखती हैं। वह कहती हैं, “मैं मानती हूं कि सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। जब मैं रोजा रख सकती हूं, तो हनुमान जयंती, दीपावली और होली क्यों नहीं मना सकती? रिजवान में भक्ति और कला के प्रति लगन देखकर मैंने उसे प्रोत्साहित किया।” पूनम ने रिजवान को हनुमान चालीसा याद करने के लिए प्रेरित किया और उनकी प्रतिभा को निखारा।
रिजवान की कला का जादू केवल उनके घर तक सीमित नहीं है। साल 2024 में उन्होंने वाराणसी के प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर में आयोजित पेंटिंग प्रदर्शनी में हिस्सा लिया था। इस प्रदर्शनी में उनकी बनाई हनुमान जी, राम, सीता और लक्ष्मण की पेंटिंग्स को खूब सराहना मिली। रिजवान ने चारकोल और अन्य माध्यमों से अपनी पेंटिंग्स बनाईं, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनीं। इस साल भी वह संकट मोचन मंदिर में होने वाली प्रदर्शनी की तैयारी में जुटे हैं।
रिजवान की सबसे बड़ी ख्वाहिश है कि वह अपनी बनाई हनुमान जी की पेंटिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करें। वह कहते हैं, “मैं चाहता हूं कि मेरी पेंटिंग पीएम मोदी तक पहुंचे। यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात होगी।” उनकी यह इच्छा उनकी मेहनत और भक्ति का प्रतीक है।
पूनम राय का कहना है कि रिजवान की प्रतिभा और भक्ति गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है। वह कहती हैं, “रिजवान ने यह साबित किया है कि भक्ति और कला का कोई मजहब नहीं होता। वह जैसे मस्जिद में नमाज पढ़ता है, वैसे ही हनुमान चालीसा भी याद करता है। उसकी लगन देखकर मुझे बहुत खुशी होती है।”
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