बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को भी बिहार विधानसभा में हंगामा जारी रहा। वक्फ संशोधन बिल का मुद्दा विधानसभा के अंदर और बाहर जोरदार तरीके से उठा। सदन के बाहर विपक्ष के नेता वक्फ संशोधन बिल को वापस लेने की मांग को लेकर अड़े रहे, तो वहीं सदन के अंदर विपक्षी नेताओं ने हंगामा किया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन के बाहर विपक्षी नेताओं के हाथ में तख्ती और पोस्टर नजर आए। विपक्षी संशोधन बिल को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए थे।
राजद विधायक रामबली यादव ने कहा, “आज बहुत गंभीर सवाल इस देश के सामने खड़ा हो गया है। इन्होंने पहले किसानों की जमीन छिनने की कोशिश की। किसानों ने लंबी लड़ाई के बाद कृषि के तीन कानूनों को वापस कराया। वक्फ बोर्ड की जमीन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निशाने पर है, जिसे नीतीश कुमार का समर्थन प्राप्त है। नीतीश कुमार का अगर सरकार को समर्थन नहीं हो तो मोदी सरकार गिर जाएगी। नीतीश कुमार की चुप्पी (जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कह रहे थे) देश के सामने गंभीर परिणाम ला रही है।”
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि विधानसभा के अंदर वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव लाइए और केंद्र सरकार को भेजिए। वहीं, विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि जो वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं, हम लोग उसके साथ हैं। यह देश हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी का है। जो लोग यह बिल लाए वे देशद्रोही थे। आजादी के दिनों में ये अंग्रेजों का साथ देने वाले लोग हैं। ये लोग आज देशभक्ति साबित करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जनता सब जान गई है। जो मुस्लिम संगठन बिल का विरोध कर रहे हैं, उसके साथ राजद मजबूती के साथ खड़ी है।
विधायक महबूब आलम ने कहा कि इस बिल के जरिए सरकार ने मुसलमानों को निशाना बनाया है। इसकी जो सबसे बड़ी ताकत है, मस्जिद, दरगाह है जो वक्फ बोर्ड की आमदनी से चलती है, उसको छिनने का यह बिल है। मुसलमानों की पहचान को ही छिनने की कोशिश है। उन्होंने पूछा, नीतीश कुमार इस पर चुप क्यों हैं?
वक्फ संशोधन बिल को लेकर बिहार विधानसभा में भी जबरदस्त हंगामा हुआ। सदन के अंदर और बाहर राजद और लेफ्ट पार्टियों के विधायकों ने हंगामा किया, जिसे देखते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
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