मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि मंडी ज़िले के नेरचौक स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में इस वर्ष के अंत में रोबोटिक सर्जरी शुरू की जाएगी। उन्होंने संस्थान में आईआरआईएस-2025 कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री ने नेरचौक अस्पताल में एक नई एमआरआई मशीन की स्थापना के लिए 28 करोड़ रुपये स्वीकृत किए, जिसके अगले दो महीनों में स्थापित होने की उम्मीद है। उन्होंने अस्पताल में कैथ लैब के लिए 12 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए (9 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं)। उन्होंने कहा कि रोगी देखभाल में सुधार के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि चमियाना और टांडा के अस्पतालों में पहले से ही रोबोटिक सर्जरी की जा रही है, जहाँ रोबोटिक प्रणालियों का उपयोग करके 45 प्रक्रियाएँ सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं।
सुखू ने कहा कि पुराने चिकित्सा उपकरण डॉक्टरों की कार्यक्षमता में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अस्पतालों में सभी पुरानी मशीनों को बदलने और हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने के लिए काम कर रही है।
निदान सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिए, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में एम्स जैसी स्मार्ट डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएँगी, जहाँ एक ही रक्त नमूने से 100 परीक्षण किए जा सकेंगे। इस पहल के लिए 75 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य सेवा के लिए कुशल जनशक्ति की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ा दी है और आपातकालीन चिकित्सा विभाग में 38 नए पद स्वीकृत किए हैं।”
सुक्खू ने इस अवसर पर पिछली भाजपा सरकार की भी आलोचना की, जिस पर उन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग करने और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के विकास में बाधा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर धन का बुद्धिमानी से उपयोग किया गया होता, तो हिमाचल प्रदेश में चिकित्सा सेवाएँ काफ़ी बेहतर होतीं।