रोहतक, 26 जून पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएचएस), रोहतक ने खिलाड़ियों में विटामिन डी के स्तर का आकलन करने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी है।
परियोजना के तहत पीजीआईएमएस-रोहतक के खेल चिकित्सा विभाग और खेल चोट केंद्र की एक टीम ने खिलाड़ियों के नमूने एकत्र करने के लिए मंगलवार को यहां सर छोटू राम स्टेडियम का दौरा किया।
टीम में वरिष्ठ प्रोफेसर एवं खेल चिकित्सा एवं खेल चोट केंद्र के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश रोहिल्ला, डॉ. सोनू, डॉ. मंदीप (खेल मनोवैज्ञानिक) और डॉ. दीपशिखा (खेल फिजियोथेरेपिस्ट) शामिल थे।
जूडो, मुक्केबाजी, कुश्ती और बैडमिंटन खिलाड़ियों के नमूने एकत्र किए गए। डॉ. रोहिल्ला ने कहा, “सूर्य के प्रकाश में रहने से हमारे शरीर में विटामिन डी का निर्माण होता है। विटामिन डी के शाकाहारी स्रोतों में मशरूम और फोर्टिफाइड दूध शामिल हैं। खिलाड़ियों में अक्सर विटामिन डी की कमी पाई जाती है, जिससे उनका प्रदर्शन स्तर और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप बार-बार संक्रमण होता है।”
डॉ. रोहिल्ला ने कहा कि खेल चिकित्सा विभाग खिलाड़ियों को व्यापक सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें शल्य चिकित्सा के साथ-साथ फिजियोथेरेपी भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘पीजीआईएमएस के नए ओपीडी ब्लॉक के कमरा नंबर 81 में खिलाड़ियों को दैनिक ओपीडी सेवाएं प्रदान की जाती हैं।’’