जन स्वास्थ्य आपात स्थितियों से तुरंत और अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के उद्देश्य से, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) देशभर में 10 बायोसेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) प्रयोगशालाएं स्थापित करेगा। इनमें से एक बीएसएल-3 प्रयोगशाला रोहतक में स्थापित की जाएगी।
एनसीडीसी में सेंटर फॉर वन हेल्थ की संयुक्त निदेशक-सह-प्रमुख डॉ. सिम्मी तिवारी ने कहा, “विभिन्न राज्यों में रणनीतिक स्थानों पर स्थापित की जा रही ये प्रयोगशालाएं उच्च-खतरे वाले रोगाणुओं के परीक्षण के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित होंगी। इस अभ्यास के पीछे अंतर्निहित विचार यह सुनिश्चित करना है कि देश के किसी भी हिस्से में बड़े प्रकोप की स्थिति में नमूनों को परीक्षण के लिए दूर के स्थानों पर भेजने की आवश्यकता न हो।”
डॉ. तिवारी ने पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएचएस) द्वारा आयोजित एक शोध सम्मेलन में ‘वन हेल्थ में एनसीडीसी की भूमिका: मानव, पशु और पर्यावरण स्वास्थ्य को जोड़ना’ विषय पर अतिथि व्याख्यान दिया। उन्होंने वर्तमान युग में उभर रहे जूनोटिक खतरों और अन्य चुनौतियों पर बात की।
उद्घाटन भाषण में, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे के निदेशक डॉ. नवीन शर्मा ने बताया कि 1971 में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला था कि 290 प्रकार के वायरस थे, जबकि 2023 तक उनकी संख्या 14,690 तक पहुंच गई थी।
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) पर अपने मुख्य भाषण में, चेन्नई के अपोलो अस्पताल में संक्रामक रोगों के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. अब्दुल गफूर ने कहा कि एएमआर की जटिल चुनौती का समाधान एक अभिनव दृष्टिकोण है।
उन्होंने कहा, “डॉक्टरों को चिकित्सा प्रौद्योगिकी का उपयोगकर्ता या उपभोक्ता बनने के बजाय स्वयं इसका निर्माण करना चाहिए। उन्हें नवोन्मेषी पद्धतियों में अग्रणी होना चाहिए तथा केवल चिकित्सक बने रहने के बजाय चिकित्सा उद्यमी बनना चाहिए।”
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए यूएचएस के कुलपति डॉ एचके अग्रवाल ने मेडिकल छात्रों से मरीजों के व्यापक हित में व्यापक शोध करने का आह्वान किया। आयोजन अध्यक्ष डॉ. पुष्पा दहिया ने बताया कि सम्मेलन के लिए 765 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 240 ने शोध पत्र और 40 ने मौखिक पत्र प्रस्तुत किए।
इस कार्यक्रम में रोहतक पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ. एसके सिंघल, डीन डॉ. कुलदीप एस लालर, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल और अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।
Leave feedback about this